UP Crime News: प्रिया के पिता ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट से राय लेकर बेटी की हत्या का दावा किया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पिता ने हत्या का दावा किया है.
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जितेंद्र सोनी/जालौन: जालौन में स्कूली छात्रा की मौत मामले में बच्ची के पिता ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट से राय लेकर हत्या का दावा किया है. छात्रा के पिता ने उत्तर प्रदेश के सीएम से सीबीआई जांच कराने की मांग की है. आइए बताते हैं पूरा मामला.
परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
आपको बता दें कि एसआर स्कूल की छात्रा प्रिया राठौर की मौत के मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने पर परिजनों ने न्याय के लिए गुहार लगानी शुरू की है. प्रिया के पिता जसराम ने पीएम, सीएम और राज्यपाल समेत मानवाधिकार व बाल आयोग को पत्र भेजे हैं. इस पत्र में उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है. इसके अलावा पुलिस पर लापरवाही के आरोप भी लगाए गए हैं.
हॉस्टल में ही संदिग्ध हालात में हुई थी मौत
दरअसल, 13 साल की प्रिया की 20 जनवरी की रात स्कूल के हॉस्टल में ही संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी. पुलिस ने अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज किया था... वारदात हुए 22 दिन बीत गए हैं, लेकिन पुलिस की जांच अभी तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंची है.
जांच में वही आया जो स्कूल प्रबंधन चाहता था
पीड़ित पिता जालौन निवासी जसराम ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुलिस लापरवाही बरत रही है. स्कूल प्रशासन शुरू से झूठ बोलता रहा है. पुलिस उनकी बात मानती रही, मौत को आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया जा रहा है. इसलिए उन्होंने पीएम, सीएम, राज्यपाल समेत अन्य अधिकारियों को पत्र लिखा है. इसमें पूरी घटना के बारे में जानकारी देते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई है. जसराम का कहना है कि पुलिस शुरू से ही जांच को लेकर गंभीर नहीं रही है. क्राइम सीन पर साक्ष्य जुटाने का दावा किया गया, लेकिन जांच में वही आया जो स्कूल प्रबंधन चाहता था.
प्रिया के पिता ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट से राय लेकर किया बेटी की हत्या का दावा
पीड़ित पिता की मानें तो रिपोर्ट में प्रिया की छत से गिरना से मौत बताया गया है, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ ऐसे तथ्य हैं, जिनका एक्सपर्ट से विश्लेषण कराया. इससे साफ है कि प्रिया की मौत ऊंचाई से गिरकर नहीं हुई है. मामले में जसराम का दावा है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में खेल किया गया है. इसलिए उन्होंने सभी तथ्यों को पत्र में लिखा है. उन्होंने कहा कि पुलिस दबाव में है. निष्पक्ष जांच तभी संभव है, जब सीबीआई को जांच सौंपी जाए.