विजय रावत/नई दिल्ली: नेपाल में नाइट क्लब में चीनी राजदूत होउ यांकी के साथ राहुल गांधी की मौजूदगी कांग्रेस और चीन सरकार के बीच कनेक्श्न को लेकर देशभर की सुर्खियां बटोर रही है लेकिन क्या वाकई ये कोई इतेफाक है या फिर ये रिश्ता कुछ कहता है! सिलेसिलेवार हम इस पूरी नजर डालेंगे.


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कांग्रेस का चीनी कनेक्शन!
राहुल गांधी चीन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर हमेशा हमलावर रहे हैं। यही नही चीनी विवाद के चीन के प्रोपेगेंडा को हवा देने के साथ सेना का मनोबल तोड़ने से भी वो पीछे नहीं रहे। कांग्रेस और चीन के इस कनेक्शन का पता तब चला जब डोकलाम विवाद के दौरान राहुल गांधी ने चुपचाप तरीके से चीनी अधिकारियों से मुलाकात की थी। कांग्रेस जिस व्यक्ति को देश के भावी प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करती है उसकी ये चीन से मुलाकात देशहित में संदेह पैदा करती है।



राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी फंडिंग
एक खबर के मुताबिक चीन की सरकार ने साल 2005 से लेकर 2008 तक राजीव गांधी फाउंडेशन को डोनेशन दी और इसके बाद कांग्रेसी थिंक टैंक ने एक रिसर्च जारी करते हुए कहा की चीन और भारत के बीच व्यापार समझौतौं को बढ़ाने की जरूरत है, जिसके बाद 2014 तक भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 33 गुणा हो गया था.


राजीव गांधी फाउंडेशन की रिपोर्ट में डोनेशन की बात की पुष्टि
राजीव गांधी फाउंडेशन 2005-06 की वार्षिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई कि पीपुल रिपब्लिक ऑफ चाइना के दूतावास ने राजीव गांधी फाउंडेशन को फंडिंग की थी.



चीनी राजदूत ने राजीव गांधी फाउंडेशन को 10 लाख दिये
चीनी दतावास के रिकॉडों के मुताबिक उस समय के राजदूत सुन युक्सी ने 10 लाख रूपये राजीव गांधी फाउंडेशन को दान में दिए और जिसकी तस्वीरें भी इंटरनेट पर मौजूद है। इस फंडिंग के बदले चलते राजीव गांधी फाउंडेशन ने भारत और चीन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की खुलकर वकालत की.



6 जून 2017 का डोकलाम में जब आमने सामने थी भारत-चीन सेना
6 जून 2017 डोकलाम में आगे बढ़ रही चीनी सैनिक को भारतीय सेना ने रोक दिया था। प्रधानमंत्री मोदी की इस कार्रवाई से जहां हर भारती गर्व की अनुभूति कर रहा था वहीं पूरी दुनिया में हैरत में थी. एक तरफ भारत के सैनिक डोकलाम में चीनी सैनिकों से भिड़ रहे थे तो दूसरी तरफ 8 जुलाई 2017 को राहुल गांधी दिल्ली में चीनी राजदूत से गुपचुप मिल रहे थे। इस बात का खुलासा 17 मार्च 2018 को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पत्र से हुआ था.


राहुल गांधी का प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना या चीनी प्रोपेगेंडा?
6 जुलाई 2017 को जहां भारत की सेना और चीनी सेना आमने सामने थी वहीं 8 जुलाऊई को 2017 को राहुल ने ट्विट करके प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कि वो डोकलाम पर शांत क्यों हैं, कुछ बोलते क्यों नहीं?  


10 जुलाई को चीनी दूतावास की वेबसाइट पर छपी राहुल की तस्वीर!
7 जुलाई को ट्वीट करके प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछने वाले राहुल गांधी 8 जुलाई को चीन के राजदूत से मुलाकात करने चले गए. राहुल गांधी की ये चोरी 10 जुलाई को उस वक्त पकड़ी गई जब चीनी दूतावास की वेबसाइट में राहुल गांधी की चीन के राजदूत के साथ तस्वीर छपी.


चीन ने जब दी राहुल गांधी को बधाई?
राहुल गांधी गुजरात में चुनाव हार चुके थे जिसके बाद उन्हें 2018 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. 17-18 मार्च 2018 को ही राहुल की अध्यक्षता में कांग्रेस का 84वां महाधिवेशन हुआ। देश विदेश से राहुल गांधी को बधाई संदेश आए लेकिन सबसे खास संदेश चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने भेजा जिसमें लिखा था कि “The INC plays an important role in the political life of India and has made positive contribution to the development of China-India relation. The CPC is willing to work together with the INC to explore, through increased communication and exchange, a new type of party-to-party relation that seeks to expand common ground”.



चीन के साथ कांग्रेस पार्टी का ये नाता आज का नहीं बल्कि तब का है जब भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भारत को मिलने वाली संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थायी सदस्यता प्लेट में सजाकर चीन को गिफ्ट कर दी थी। आज उसी का खामियाजा देश भुगत रहा है जब पाकिस्तान की नापाक आतंकी हरकतों के पक्ष में भारत के खिलाफ यूएन में चीन वीटो लगाता रहा है। ऐसे में कांग्रेस और उसके भावी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार राहुल गांधी के चीन सरकार के साथ संबंध में ज्यादा कुछ बोलने की जरूरत नहीं है?


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