कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) को लेकर दुनिया भर में दहशत का माहौल है. अब WHO ने कहा है कि ओमिक्रॉन से अब तक मौत का एक भी केस सामने नहीं आया है. इसी वजह से कोरोना वायरस विशेषज्ञ आश्वस्त हैं कि नया ओमिक्रॉन वैरिएंट 'सुपर माइल्ड' है. यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ कई देशों से यात्रा प्रतिबंध हटाने, डर और अफवाह को खत्म करने की अपील कर रहा है...
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नई दिल्ली: कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) को लेकर दुनिया भर में दहशत का माहौल है. देश की जनता में भी ओमिक्रॉन को लेकर खतरा बढ़ता जा रहा है. तमाम देशों ने नए प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है. इंटरनेशनल उड़ानों को लेकर लगभग सभी देश नई गाइडलाइन्स जारी कर रहे हैं, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी को राहत देने वाली बात कही है.
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बता दें कि सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर अब तक वैज्ञानिक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं. वहीं दुनिया इससे डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक होने की आशंका के चलते दहशत में हैं. जबकि ओमिक्रॉन की सबसे पहले पहचान करने वाली डॉक्टर के अलावा अन्य जानकारों ने भी इसे 'सुपर माइल्ड' म्यूटेशन बताया है. ओमिक्रॉन की सबसे पहले पहचान करने वाली डॉक्टर ने भी कहा था कि जिन 4 मरीजों में सबसे पहले यह वैरिएंट मिला उनमें मामूली लक्षण थे और बहुत जल्दी ही सही भी हो गए थे. बता दें कि उनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई थी.
डेल्टा की तुलना में कैसा?
वहीं, अब WHO ने कहा है कि ओमिक्रॉन से अब तक मौत का एक भी केस सामने नहीं आया है. इसी वजह से कोरोना वायरस विशेषज्ञ आश्वस्त हैं कि नया ओमिक्रॉन वैरिएंट 'सुपर माइल्ड' है. यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ कई देशों से यात्रा प्रतिबंध हटाने, डर और अफवाह को खत्म करने की अपील कर रहा है. WHO का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका की सभी रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ओमिक्रॉन पिछले डेल्टा संस्करण की तुलना में ज्यादा घातक नहीं है.
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क्या ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक है?
संयुक्त राज्य अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के निदेशक डॉ फ्रांसिस कॉलिन्स ने कहा कि अभी तक कोई डेटा ऐसा नहीं है जो बताता हो कि नया वैरिएंट पिछले कोविड -19 वैरिएंट की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक है, लेकिन मुझे लगता है कि यह ज्यादा संक्रामक है. वहीं, वैरिएंट में 30 से अधिक म्यूटेशन हैं जो डेल्टा वैरिएंट से लगभग दोगुने होने के कारण इसे ज्यादा संक्रामक बनाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि स्पष्ट तस्वीर सामने आने में अभी कई सप्ताह लग सकते हैं.
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