Rohingya Infiltrators: रोहिंग्या मुस्लिमों का 500 साल पुराना इतिहास, यूपी में कार्रवाई के बीच फिर गरमाया अवैध घुसपैठ का मुद्दा
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Rohingya Infiltrators: रोहिंग्या मुस्लिमों का 500 साल पुराना इतिहास, यूपी में कार्रवाई के बीच फिर गरमाया अवैध घुसपैठ का मुद्दा

Rohingya Infiltrators: रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ योगी की पुलिस एक्शन में है. इस बीच एक बार फिर राज्य में अवैध घुसपैठ का मुद्दा गरमाने लगा है. सवाल ये भी है कि रोहिंग्या मुस्लिमों को आधार कार्ड समेत कई पहचान पत्र कैसे मिल जाते हैं.

Rohingya Infiltrators: रोहिंग्या मुस्लिमों का 500 साल पुराना इतिहास, यूपी में कार्रवाई के बीच फिर गरमाया अवैध घुसपैठ का मुद्दा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिन से अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं पर योगी की पुलिस सख्ती दिखा रही है. कई जिलों में छापेमार कार्रवाई में कई रोहिंग्या गिरफ्तार किए गए हैं. राज्य के मेरठ, गाजियाबाद,सहारनपुर,हापुड़, गाजियाबाद, अलीगढ़ और मथुरा से अब तक 74 रोहिंग्या गिरफ्तार किए जा चुके हैं. पुलिस को मिले इनपुट की माने तो बांग्लादेशी नागरिक और रोहिंग्या की संख्या लगभग 4000 है. जो कि शहरों में झुग्गी झोपड़ियां बनाकर रहते हैं.  

अलग-अलग वजह से भारत आए
एटीएस की पूछताछ में कई ने बताया कि बचपन में ही वह भारत आ गए थे. यहीं पर जवान हुए, यहीं शादियां हुईं और बच्चे हो गए, इसलिए अब यहीं के हो गए हैं. वहीं कुछ रोहिंगयाओं से पता चला है कि वह म्यामार में जब युद्ध चल रहा था, तो अपनी जान बचाकर सीमा पार कर भारत आ गये थे. 

क्या है रोहिंग्या का इतिहास
रोहिंग्यों का इतिहास 16वीं शताब्दी से शुरू होता है. म्यांमार के पश्चिमी  छोर पर एक राज्य रखाइन था. इसे अराकान भी कहते हैं. 1948 में जब म्यांमार से ब्रिटिश शासन का अंत हुआ,तभी से यहां की बहुसंख्यक बौद्ध आबादी और मुस्लिम आबादी के बीच विवाद शुरू हो गया. 1982 में म्यांमार में एक नया कानून लागू किया गया. इसके तहत रोहिंग्या मुस्लिमों का नागरिक दर्जा खत्म कर दिया गया. तभी से म्यांमार सरकार रोहिंग्या मुस्लिमों को देश छोड़ने पर मजबूर करती रही है. तभी से ये लोग पड़ोसी देशों में घुसपैठ करते आ रहे हैं. म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिों के साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव और दुर्व्यवहार किया जाता है. इससे परेशान लाखों रोहिंग्या मुसलमान बिना दस्तावेज के दशकों से बांग्लादेश में रह रहे हैं. वहीं कई रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से भारत में घुसपैठ कर चुके हैं. ये लोग ज्यादातर सिक्किम और मिजोरम के रास्ते भारत में घुसपैठ करते हैं.  

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कैसे हासिल करते हैं भारतीय दस्तावेज
भारत में अपनी गहरी जड़ें जमा चुके रोहिंग्या मुसलमान यहां से जरूरी दस्तावेज भी हासिल कर लेते हैं. सूत्रों के मुताबिक हर दस्तावेज के लिए कीमत भी तय है. निर्वाचन कार्ड के लिए पांच हजार रुपये, राशन कार्ड के लिए 10 हजार रुपये, आधार कार्ड के लिए 25 हजार रुपये, पासपोर्ट के लिए एक लाख रुपये और नेपाल पहुंचाने के लिए इनको 10 हजार रुपये देने पड़ते हैं.

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