सोमवार को सिसवा अपने घर दोनों सकुशल पहुंच गए. दोनों के घर पहुंचने के बाद परिजनों में खुशी का माहौल देखने को मिला. परिजन व दोस्तों ने मिठाई खिलाकर व फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया. वहीं इसके लिए भारत सरकार का धन्यवाद भी कर रहे हैं.
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अमित त्रिपाठी/महराजगंज: महराजगंज जिले के सिसवा कस्बे से मेडिकल पढ़ाई के लिए गए यूक्रेन गए सगे भाई बहन-रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध के बीच फंस गए थे. वहीं, भारत सरकार की मदद के बाद सोमवार को सिसवा अपने घर दोनों सकुशल पहुंच गए. दोनों के घर पहुंचने के बाद परिजनों में खुशी का माहौल देखने को मिला. परिजन व दोस्तों ने मिठाई खिलाकर व फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया. वहीं इसके लिए भारत सरकार का धन्यवाद भी कर रहे हैं.
सिसवा कस्बे के डॉ. केसरी नंदन के बेटे और बेटी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. रूस-यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद भारत सरकार ने वहां से भारतीय बच्चों को निकाल कर भारत पहुंचा रही है. महराजगंज जिले के सिसवा के राहुल प्रिय नंदन व आकांक्षा नंदन भी सुरक्षित घर लौटे हैं. यूक्रेन में जो भयावह हालात बने हैं, उसको बताते हुए राहुल प्रिय नंदन सहम गए.
उन्होंने बताया कि जब रूस-यूक्रेन पर हमला करना शुरू किया तो उनको बंकर में रात गुजारनी पड़ती थी. जहां भूखे-प्यासे रहते थे. वहां पर मिसाइल की आवाज़ से सभी सहम जाते थे. लेकिन भारत सरकार के मदद से हम लोग पोलैंड पहुंचे और वहां से अपने वतन सुरक्षित लौट आये. राहुल के पिता डॉ. केशरी नंदन ने बताया कि उनके बेटे-बेटी वहां यूक्रेन में फंसे हुए थे. पीएम नरेंद्र मोदी व केंद्रीय वित्त राजमंत्री के मदद से उनके बेटे-बेटी वापस घर आ गए हैं. उन्होंने भारत सरकार द्वारा यूक्रेन में चलाई जा रही '' ऑपरेशन गंगा'' की सराहना की.
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