रामकुमार का जब अपहरण हुआ था तब महेंद्र नाथ यादव सिर्फ सपा के जिला अध्यक्ष थे, मगर इस बार जनता ने उन्हें चुनकर सदर सीट से यूपी की विधानसभा में भेजा है. बस्ती एसपी ने बताया कि 18 मार्च को रामकुमार के साले ओम प्रकाश ने तहरीर देकर बताया कि साल 2021 के 23 अक्टूबर को सपा जिलाध्यक्ष महेंद्रनाथ यादव रामकुमार को अपने साथ ले गए थे...
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राघवेंद्र सिंह/बस्ती: समाजवादी पार्टी विधायक महेंद्र यादव पर आरोप था कि उन्होंने बहादुरपुर ब्लॉक के प्रमुख रामकुमार का अपहरण किया है. इस मामले में पुलिस ने कलवारी थाने में पहले सपा विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. फिर ब्लॉक प्रमुख को बरामद करने की कार्रवाई शुरू की. तलाश के दौरान पता चला कि लापता प्रमुख रामकुमार की लोकेशन सपा विधायक के घर की ही है. मिली जानकारी के अनुसार, तत्काल रूप से वहां फोर्स पहुंची, लेकिन पुलिस को देख विधायक ने दरवाजा बंद कर लिया.
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पुलिस ने दिखाई सख्ती तो छोड़ना पड़ा
इसके बाद काफी देर तक पुलिस ने कुछ नहीं कहा और विधायक के दरवाजा खोलने का इंतजार किया. कुछ देर की मशक्कत के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई और मजबूर होकर सपा विधायक महेंद्र यादव को बहादुरपुर ब्लॉक प्रमुख रामकुमार को पुलिस को सौंपना पड़ा. पुलिस टीम ने रामकुमार को सपा विधायक के चंगुल से छुड़ाया.
किसी तरह फोन पाकर साले से मांगी मदद
गौरतलब है कि सपा विधायक महेंद्र यादव के घर में पिछले 5 महीने से प्रमुख रामकुमार परिवार के साथ बंधक बने हुए थे. नाटकीय तरीके से आज पुलिस ने उन्हें छुड़ा लिया. रामकुमार पंचायत चुनाव में पहले तो बीजेपी के टिकट से चुनाव जीते, मगर कुछ ही दिन बीतने के बाद उन्होंने पलटी मार ली और सपा विधायक के पाले में चले गए. तब से रामकुमार को बीजेपी के नेता ढूंढ रहे थे, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा था. रामकुमार ने आज किसी तरह मोबाइल हासिल करने के बाद अपने साले से मदद मांगी, जिसके बाद साले ने कलवारी थाने में केस दर्ज कराया.
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4-5 महीने से बंधक रहने की बात बताई
पुलिस ने जब रामकुमार को छुड़ाया तो उन्होंने बाहर आकर सबसे पहले मीडिया से बात की. रामकुमार ने बताया कि उन्हें पिछले 5 महीने से जबरन बंधक बनाकर रखा गया. यह पूछने पर कि ऐसा किसने किया, उन्होंने नाम बताने से इनकार कर दिया. हालांकि, पुलिस ने उन्हें सपा विधायक महेंद्र नाथ के घर से ही बरामद किया है.
सामने आ रही हैं ऐसी भी बातें
रामकुमार का जब अपहरण हुआ था तब महेंद्र नाथ यादव सिर्फ सपा के जिला अध्यक्ष थे, मगर इस बार जनता ने उन्हें चुनकर सदर सीट से यूपी की विधानसभा में भेजा है. वहीं, चर्चा यह है कि 5 महीने पहले रामकुमार बीजेपी छोड़ सपा में अपनी मर्जी से शामिल हुए थे. लेकिन फिर भाजपा की सरकार बन गई, तो उन्होंने पलटी मारकर अपहरण का मुकदमा दर्ज करवा दिया.
साले ने तहरीर में कही यह बात
वहीं, बस्ती एसपी ने बताया कि 18 मार्च को रामकुमार के साले ओम प्रकाश ने तहरीर देकर बताया कि साल 2021 के 23 अक्टूबर को सपा जिलाध्यक्ष महेंद्रनाथ यादव रामकुमार को अपने साथ ले गए थे. इसके बाद 17 मार्च की रात को रामकुमार ने अपने साले को फोन पर बताया कि महेंद्र नाथ यादव के द्वारा उन्हें बंधक बनाया गया है और निकलने नहीं दिया जा रहा है.
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मजरूब को पुलिस सिक्योरिटी दी गई
ओम प्रकाश की इस तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है. ओम प्रकाश ने पुलिस को कुछ ऑडियो भी उपलब्ध कराए थे, उन्हें सुना गया और फिर तहरीर के आधाक पर मुकदमा दर्ज किया गया. जब पुलिस फोर्स महेंद्रनाथ यादव के घर पहुंची तो वहां रामकुमार मौजूद थे. अब पुलिस ने उन्हें अपने परिवार के पास भेज दिया है. उन्हें पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध कराई गई है. अब आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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