किसनों ने तालाबों के जीर्णोद्धार में लापरवाही बताते हुए की जांच की मांग. करोड़ों रुपय खर्च करने के बाद भी सूखे पड़े तालाब.
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सुनील सिंह/संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में सरकार की महत्वपूर्ण अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के जीर्णीद्वार और सौंदर्यीकरण बड़ी लापरवाही सामने आई है. जनपद में 136 तालाबों के सौंदर्यीकरण पर 4 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च किए जाने के 6 महीने बाद भी तालाबों में पानी की एक बूंद नहीं है. सूखे पड़े अमृत सरोवर तालाब में उपले पाथे जा रहे हैं. आपको बता दे, अमृत सरोवर योजना के तहत सूखे पड़े तालाबों में जल संचय के लिए के लिए बनाई गई थी. मनरेगा और ग्राम पंचायत निधि से जिले के सभी 8 विकास खंड में चयनित 136 तालाबों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण पर 4 करोड़ से अधिक धन राशि खर्च की गई थी.
बहजोई विकासखंड के चौपा शोभापुर गांव में अमृत सरोवर तालाब विकासखंड के अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार की तस्वीर बयां कर रहा है. तालाब के किनारे अधिकारियों द्वारा तालाब का जीर्णोद्वार पूरे होने का शिला पट तो लग गया है. लेकिन तालाब अभी भी पानी के लिए तरस रहा है. सूखा पड़ा तालाब उपले पाथे जाने के लिए ग्रामीणों के काम आ रहा है. जनपद में अधिकांश अमृत सरोवर तालाबों का यही हाल है.
किसानों ने दी जानकारी
जनपद के किसान अनिल दुबे ने तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए अमृत सरोवर योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायत भेजकर जांच की मांग की है. यह पूरा मामला प्रशासन की गंभीर लापरवाही माना जा रहा है. संभल जिले के 8 विकास खंडों में से 5 विकास खंड पिछले 10 वर्षों से डार्क जोन में हैं. जलस्तर में वृद्धि के लिए अमृत सरोवर योजना को लागू किया था. लेकिन योजना अपने उद्देश्य में कामयाब होती नजर नहीं आ रही है.
डीसी मनरेगा बलवंत सिंह ने बताया कि मनरेगा के पास अमृत सरोवर योजना के तहत किए गए कार्यों की कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं थी. डीसी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
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