आवारा पशुओं की समस्या से उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश से लेकर बिहार तक किसान परेशान हैं. ऐसे में शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने एक ऐसा फरमान जारी किया है, जो सुनने में अटपटा तो लग रहा है लेकिन दावा किया जा रहा है कि यह काफी कारगर है.
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शाहजहांपुर : शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए एक अजीबोगरीब फरमान सुनाया है. किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने और सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के नाम पर हर प्रधान को छुट्टा घूम रहे दस-दस गोवंश को आश्रय देने को कहा गया है. जिले के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यह कवायद शाहजहांपुर में शुरू की गई है. इससे आवारा गोवंशों में 6 हजार को ग्राम पंचायतों में संरक्षित किया गया है. शाहजहांपुर में आवारा घूम रहे पशुओं से किसानों की फसलें बर्बाद होने के साथ ही रोजाना दुर्घटनाएं भी हो रही हैं. इसके चलते ग्रामीण मवेशियों को पकड़कर सरकारी स्कूल, ब्लॉक आदि कार्यालय में बंद कर रहे थे तथा कई गोवंशों ने लोगों पर हमले भी किए.
सीएम पोर्टल पर हो रही थी शिकायत
जिले के मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह का कहना है कि ‘‘छुट्टा गोवंशों की समस्या पूरे जिले में थी और हम जहां भी ग्रामीण क्षेत्रों में जाते थे तो ग्रामीणों की पहली शिकायत आवारा गोवंश को लेकर होती थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी लगातार ग्रामीणों द्वारा शिकायत की जाती थी, जिसे हमने गंभीरता से लिया और आवारा गोवंशों को संरक्षित करने की योजना बनाई .
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6 हजार गौवंशों को पकड़ा गया
इसके तहत प्रधानों का एक सप्ताह पूर्व सम्मेलन बुलाया गया और उन्हें 10-10 गायों को संरक्षित करने को कहा गया.’’ उन्होंने बताया कि प्रधानों द्वारा उन्हें काफी सहयोग दिया गया और जिले में कुल 1069 ग्राम पंचायतों में से 400 ग्राम पंचायतों में आवारा घूम रहे 6 हजार गोवंश को पकड़कर संरक्षित किया जा चुका है. यह गौशाला ग्राम पंचायत द्वारा बनाई गई है जिसमें उन्हें हर गौवंश पर 30 रुपये और अधिकतम लागत आने पर अधिक धनराशि भी दी जाएगी.
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