Gyanvapi Survey : ज्ञानवापी में 'शिवलिंग' के सर्वे के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सोमवार से जो सर्वे शुरू होना है, वो सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश की अवहेलना है, जिसमें उच्चतम न्यायालय ने वजुखाने परिसर को संरक्षित करने का आदेश दिया है. वहीं सरकार की ओर से पेश तुषार मेहता ने कहा है कि हम चाहते हैं कि शिवलिंग को किसी भी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुंचे. लिहाजा इस पर गंभीरता से आगे बढ़ना होगा. हिन्दू पक्ष ने एएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पुरातत्व विभाग का कहना है कि कार्बन डेटिंग के वैज्ञानिक सर्वे से शिवलिंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, लिहाजा रिपोर्ट का अदालत संज्ञान ले. 


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हिन्दू पक्ष के वकील का कहना है कि ये अंतरिम रोक है, सुप्रीम कोर्ट केस की विस्तृत जानकारी पाना चाहता है और इसी के तहत उसने ये अंतरिम रोक लगाई है. लिहाजा इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. मुस्लिम पक्ष लंबे समय से कह रहा है कि अयोध्या केस पर फैसले के बाद ऐसे किसी विवाद पर आगे नहीं बढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि ये प्लेसेस ऑफ वर्शिप ऐक्ट का उल्लंघन है, जिसे संसद से पारित किया गया था. 


हिन्दू पक्ष के वकील ने कहा कि यह आदेश हमें बैकफुट पर लाने वाला नहीं है. मस्जिद कमेटी अपने लोगों के बीच भ्रम न फैलाए. जिला कोर्ट के आदेश के बाद महीनों हाईकोर्ट में मेहनत के बाद हमने जीत पाई थी. जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद हमें उम्मीद है कि हमारे पक्ष में फैसला आएगा. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि वो एएसआई की पूरी रिपोर्ट को संज्ञान में लेंगे और उसके बाद आगे निर्णय लिया जाएगा. 


मु्स्लिम पक्ष का कहना है कि एएसआई रिपोर्ट ने शिवलिंग के कार्बन डेटिंग या अन्य तरीकों से वैज्ञानिक सर्वे पर कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, उसका कोई निष्कर्ष नहीं दिया गयाहै. यह सिर्फ तमाम विशेषज्ञों के मतों का संग्रह है. लिहाजा यह नहीं कहा जा सकता है कि वैज्ञानिक सर्वे से नुकसान नहीं पहुंचेगा. मस्जिद कमेटी के वकील मोहम्मद अखलाख का कहना है कि हम फैसले में संशोधन चाहते हैं. हम मस्जिद को पूरी तरह खोदने की इजाजत नहीं दे सकते. 


 


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