Ramcharitmanas Row: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या के महंत राजूदास का नाम लिए बगैर उन पर पलटवार किया था. महंत ने स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर काटने वाले को 21 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था. इसी ऐलान के बाद स्वामी प्रसाद ने भी उन पर पलटवार किया.
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श्याम जी तिवारी/लखनऊ: पिछले कुछ दिनों से रामचरितमानस पर विवाद थमता नहीं दिखाई दे रहा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने इस पर विवादित बयान दिया. जिसके बाद वह विरोधियों के निशाने पर हैं, इसके अलावा उनके समर्थन में भी कई लोग उतरे हैं. रामचरितमानस की चौपाइयों पर टिप्पणी कर विवादों में आए सपा नेता सोमवार को पूर्व विधायक भगवती प्रसाद की बेटी की शादी में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने विरोध करने वालों पर जमकर हमला बोला. अब सपा विधायक आरके वर्मा ने भी इस ग्रंथ पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
बता दें कि सपा नेता से पहले बिहार के मंत्री चंद्रशेखर (Chandra Shekhar) इस पर विवादित बयान दिया था. जिसके बाद कर्नाटक (Karnataka) में एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया. सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या के महंत राजूदास का नाम लिए बगैर उन पर पलटवार किया था. महंत ने स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर काटने वाले को 21 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था. इसी ऐलान के बाद स्वामी प्रसाद ने भी उन पर पलटवार किया.
स्वामी प्रसाद मौर्या के बाद सपा विधायक आरके वर्मा ने उठाए सवाल
रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान के बाद अब प्रतापगढ़ केरानीगंज विधानसभा के सपा विधायक आरके वर्मा ने रामचरित मानस पर सवाल उठाए हैं. रानीगंज विधायक आरके वर्मा विवादित ट्वीट कर कहा-भेदभाव ,ऊंच-नीच छुआछूत ,गैर बरादरी से ग्रसित कवि थे तुलसीदास. रामचरितमानस की विवादित चौपाइयों को छात्रों के पाठ्य पुस्तक से हटाई जानी चाहिए.
दलितों,पिछड़ों और आदिवासियों को अधिकार दिलाने की आवाज का मिल रहा समर्थन
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह द्वारा उनके बयान का समर्थन करने पर कहा कि देश में दलितों,पिछड़ों और आदिवासियों को अधिकार दिलाने की आवाज का लोग समर्थन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि रामचरित मानस पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही. ग्रन्थ की कुछ चौपाइयों के अंश आपत्तिजनक है उनको हटाने की बात कही.स्वामी ने कहा कि मैं सभी धर्मो का सम्मान करता हूं. गाली देना अपमानित करना धर्म नही हो सकता.
महंत राजू दास के बयान पर बोले स्वामी
हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास के द्वारा इनाम घोषित किए जाने पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि साधु संत,धर्माचार्यों को गुस्सा नहीं आता, गुस्सा आ भी जाए तो श्राप देते हैं सब काम हो जाता है. तमाम
स्वामी प्रसाद बोले कि तमाम संत अपराधी के रूप में बैठे हैं. अपराधी धर्म की आड़ लेकर बैठे हैं. स्वामी ने सफाई देते हुए कहा कि रामचरित मानस की कोई भी प्रति नहीं जलाई गई. वहीं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को स्वामी प्रसाद ने ढोंगी,पाखंडी बताया.
संत समाज ने बोला हमला
संत समाज लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और सपा का संपूर्ण बाहिष्कार के लिए यात्रा निकालने की तैयारी में है. प्रयागराज माघ मेले में संतो ने सोमवार को एक बड़ी बैठक करके निर्णय लिया है कि श्रीरामचरित मानस के साथ ही सनातन धर्म और उसकी संस्कृति पर कुठाराघात किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. संतों ने साफ कहा है कि जिस तरह से स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद उन्हें सपा में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है, इससे साफ है कि यह बयान अखिलेश यादव के इशारे पर था.
सपा ने झाड़ा पल्ला
समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को उनकी निजी राय बताते हुए खुद को इससे अलग कर लिया.अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने भी इसे मौर्य की निजी राय बताया.
अपने बयान पर कायम स्वामी प्रसाद मौर्य
इससे पहले रविवार को मौर्य जब मीडिया के सामने आए तो उन्होंने खुले शब्दों में कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं. उन्होंने कहा कि अगर मेरे आह्वान पर सभी आदिवासी, दलित, पिछड़े, और महिलाएं मंदिर में आना बंद कर दें तो चढ़ावा बंद हो जाएगा, उनकी पेट पूजा बंद हो जाएगी. उन्होंने साफ किया कि यह उनता निजी बयान है.