Tilak Controversy: मुस्लिम शिक्षिका ने हिंदू रीति से किया था अधिकारी का स्वागत, तो कट्टरपंथी उर्दू शिक्षक के पेट में हुआ दर्द, ऐसे हुई दवा...
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Tilak Controversy: मुस्लिम शिक्षिका ने हिंदू रीति से किया था अधिकारी का स्वागत, तो कट्टरपंथी उर्दू शिक्षक के पेट में हुआ दर्द, ऐसे हुई दवा...

Tilak Controversy: घटना 15 जून की है जब अलीगढ़ में नए अधिकारी की जॉइनिंग के दौरान उनका शिक्षिका ने हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार स्वागत किया गया. जैसे ही तिलक करते हुए की फोटो कार्यालय से बाहर पहुंची तो विभाग के कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी शिक्षकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया.

Tilak Controversy: मुस्लिम शिक्षिका ने हिंदू रीति से किया था अधिकारी का स्वागत, तो कट्टरपंथी उर्दू शिक्षक के पेट में हुआ दर्द, ऐसे हुई दवा...

अलीगढ़: अलीगढ़ में एक मुस्लिम शिक्षिका द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी को तिलक (Tilak) करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद मुस्लिम महिला शिक्षिका (Muslim Female Teacher) पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) को तिलक को लगाने को लेकर कुछ कट्ट्रपंथियों ने अपशब्द कहे थे, जिसे लेकर पीड़ित शिक्षिका ने बीएसए (BSA) से शिकायत की थी.

वहीं, अब टिप्पणी करने वाले कट्टरपंथी उर्दू शिक्षक (Urdu Teacher) मोहम्मद अहमद (Mohammad Ahmed) को निलंबित कर दिया गया है. आपको बता दें कि लगभग 22 दिन चली जांच के बाद दोषी पाए जाने पर बीएसए ने टिप्पणी करने वाले शिक्षक को निलंबित कर दिया. सोशल मीडिया ग्रुप पर उर्दू शिक्षक द्वारा शिक्षकों को लेकर विवादित पोस्ट लिखी गई थी.

कट्टरपंथी सोच रखने वाले उर्दू शिक्षक ने कहे थे शिक्षिका को अपशब्द
दरअसल, जवा ब्लॉक में नए ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सतीश चंद्र मिश्रा की तैनाती हुई थी. किसी भी अधिकारी की तैनाती के दौरान शिक्षा विभाग में तिलक लगाकर उनका स्वागत किया जाता है. इस दौरान सीनियर शिक्षिका होने के नाते ताहिरा नाम की मुस्लिम शिक्षिका ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का तिलक लगाकर स्वागत किया था. मुस्लिम शिक्षिका द्वारा हिंदू अधिकारी को तिलक लगाते हुए का फोटो उर्दू शिक्षकों के ग्रुप पर वायरल हो गया था.

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इस दौरान कट्टरपंथी सोच रखने वाले उर्दू शिक्षक मोहम्मद अहमद ने फोटो पर कमेंट लिखते हुए कहा था, "मर गया है शिक्षिका का इमान, मुस्लिम होकर भी कर रही है हिंदू अधिकारी का तिलक." इसके अलावा शिक्षिका के लिए कई आपत्तिजनक शब्द भी सोशल मीडिया पर लिखे गए थे. जिसकी शिकायत उर्दू शिक्षिका द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार ढाका को लिखित में दी गई थी. 

जानें क्या है पूरा मामला
घटना 15 जून उस वक्त की है जब नए बीईओ सतीश चंद्र मिश्र ने जॉइन किया था. शिक्षा विभाग के नियमानुसार नए अधिकारी की जॉइनिंग के दौरान उनका हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार स्वागत किया गया. वरिष्ठ शिक्षिका होने के नाते हेड मास्टर ताहिरा ने बीईओ का तिलक लगाकर स्वागत किया.

जैसे ही तिलक करते हुए की फोटो कार्यालय से बाहर पहुंची तो कुछ विभाग के मुस्लिम कट्टरपंथी शिक्षकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. शिक्षिका को सोशल मीडिया पर अपमानित भी किया गया. इस दौरान मामले को गंभीरता से देखते हुए हाई स्कूल संघ के जिला अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने भी शिकायत बीएसए से की थी. 

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पीड़ित महिला शिक्षिका ने रखा था अपना पक्ष
वहीं, इस पूरे मामले पर उस समय पीड़ित महिला शिक्षिका ने अपना पक्ष रखते हुए अपनी बात कही थी. उन्होंने कहा था कि, "मेरे तिलक करने से मेरा धर्म परिवर्तन तो नहीं हुआ, मगर उनकी सोच जाहिर होती है. वे लोग हिंदू मुस्लिम कर रहे हैं. ऐसे में जिस स्कूल में वह पढ़ा रहे होंगे, वहां बच्चों को कैसी शिक्षा दे रहे होंगे, यह उनकी सोच बताती है." उन्होंने कहा कि इन तमाम बातों से आहत होकर ही उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिकायत कर दी.

उर्दू शिक्षक को दोषी मानते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किया निलंबित 
मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था. लगभग 22 दिन चली जांच के बाद उर्दू शिक्षक को दोषी मानते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया है. 22 दिन की जांच के बावजूद भी उर्दू शिक्षक एक भी दिन अपने बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा है. निलंबन के बाद उच्च अधिकारियों को भी रिपोर्ट भेजी गई है.

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