Tomato farmer: टमाटर बेचकर महीने में भर में करोड़पति बना किसान, सुनील शेट्टी से हुए नाराज
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Tomato farmer: टमाटर बेचकर महीने में भर में करोड़पति बना किसान, सुनील शेट्टी से हुए नाराज

Tomato Farmer: महंगे दाम की वजह से भले ही टमाटर आपकी थाली से गायब हो गया हो लेकिन इसने महाराष्ट्र के कुछ किसानों की किस्मत बदल दी है. वह टमाटर बेचकर करोड़पति बन गए हैं.

ishwar gayakar, farmer

Tomato Farmer: इस समय हर कोई टमाटर की महंगाई से परेशान है. देश भर में राजनीतिक दल टमाटर के मुद्दे पर लाल पीले हो रहे हैं. लेकिन इसी टमाटर ने पुणे के एक किसान की किस्मत चमका दी है. जी हां. वह टमाटर की बदौलत करोड़पति बन गया है. बताया जा रहा है कि इस बार किसान ने 12 एकड़ में टमाटर की खेती की. 

शुक्रवार को गायकर परिवार को एक कैरेट टमाटर (20 किग्रा) के लिए 2100 रुपये का भाव मिला. गायकर ने कुल 900 क्रेट की बिक्री की. इससे एक ही दिन में उसे 18 लाख रुपये मिले.पिछले महीने उसे ग्रेड के आधार पर प्रति क्रेट 1000 से 2400 रुपये मिले थे. जुन्नर में गायकर जैसे 10 से 12 किसान हैं जो कि टमाटर बेचकर करोड़पति बन गए हैं.वहीं, बाजार समिति ने एक महीने में 80 करोड़ का कारोबार किया है.

पुणे की जुन्नर तहसील के जुन्नर गांव के रहने वाले गायकर ने 100 से अधिक महिलाओं को रोजगार भी दिया है. उसकी बहू सोनाली टमाटर के बगीचे की जुताई, कटाई, टोकरा भरना, छिड़काव आदि का प्रबंधन करती हैं. जबकि बेटा ईश्वर सेल्स और मैनेजमेंट का काम देखता है. गायकर परिवार पिछले महीने से अब तक 13 हजार कैरेट टमाटर की बेचकर सवा करोड़ रुपये से अधिक की इनकम कर चुका है.तुकाराम भागोजी गायकर के पास 18 एकड़ जमीन है.

आमतौर पर किसानी करना घाटे का सौदा समझा जाता है. कई बार फसल अच्छी होने पर भी कम दाम के चलते उसे रास्ते पर फेंकने तक की नौबत आ जाती है. लेकिन, पुणे जिले के पाचघर गांव के किसान तुकाराम गायकर की इस बार लॉटरी लग गई है. टमाटर की ऊंची कीमतों ने उसे मालामाल कर दिया है. एक ही महीने में वह करोड़पति किसान बन गया है.
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सुनील शेट्टी पर नाराज 
इन दिनों टमाटर की महंगाई का असर सब पर पड़ रहा है. इस पर अभिनेता सुनील शेट्टी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि उन्होंने टमाटर खाना कम कर दिया है क्योंकि इसके ऊंचे दाम का असर उनकी भी रसोई पर पड़ा है. इस पर किसान नेता और पूर्व मंत्री सदाभाऊ खोत ने कहा कि ''सिनेमा कलाकार को आम लोगों से कोई मतलब नहीं होता. वह एक सिनेमा के लिए करोड़ों लेते हैं लेकिन 10-12 साल में एक बार किसान को अच्छा भाव मिला तो उनके पेट में दर्द शुरू हो गया है.''

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