Sambhal: यूपी के इस जिले में है तोता-मैना की कब्र, 1 हजार साल बाद भी अनसुलझी है पहेली, कोई नहीं पढ़ सका इबारत का राज
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Sambhal: यूपी के इस जिले में है तोता-मैना की कब्र, 1 हजार साल बाद भी अनसुलझी है पहेली, कोई नहीं पढ़ सका इबारत का राज

इस कब्र के बारे में तरह-तरह के मत हैं और यह कई रहस्यों से भरी पड़ी है. इसमें जो आयतें लिखी हैं, आज तक इसे कोई पढ़ नहीं पाया है.

 

Sambhal: यूपी के इस जिले में है तोता-मैना की कब्र, 1 हजार साल बाद भी अनसुलझी है पहेली, कोई नहीं पढ़ सका इबारत का राज

सुनील सिंह/संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में तोता मैना की कब्र और कब्र पर लिखी इबारत सैकड़ों साल बाद आज भी लोगों के लिए अनसुलझी पहेली बनी हुई है. देश-विदेश में तमाम भाषाओं के जानकार और पुरातत्वविद तोता मैना की कब्र पर लिखी इबारत को पढ़ने में नाकाम रहे हैं.

बीहड़ जंगल में बनी है तोता-मैना की कब्र
संभल में तोता मैना की यह रहस्यमय कब्र, शहर की आबादी से लगभग 6 किलोमीटर दूर बीहड़ जंगल में बनी हुई है. यह रहस्यमय कब्र 1 हजार साल से भी अधिक पुरानी बताई जाती है. कब्र के दोनों ओर उर्दू, फारसी और अरबी से मिलती-जुलती भाषा में कुछ लिखा हुआ है. इस कब्र का राज जानने के लिए देश-विदेश के अरबी, फारसी, उर्दू, देवनागरी और तमाम भाषाओं के जानकार कब्र पर लिखी भाषा को पढ़ने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन नाकाम रहे हैं.

किसी अकूत खजाने का राज-स्थानीय निवासी
इलाके के लोगों का मानना है कि इस रहस्यमय कब्र पर लिखी इबारत में इलाके में दबे किसी अकूत खजाने का राज छिपा हुआ है. इसलिए अराजक तत्वों द्वारा तोता-मैना की इस कब्र को कई बार तोड़ने की नाकाम कोशिश भी की गई.

पृथ्वीराज चौहान से भी जुड़ी है कब्र की कहानी
संभल में तोता मैना की इस रहस्य कब्र को लेकर तमाम किस्से कहानियां भी मशहूर हैं. इसको लेकर कुछ इतिहासकारों का मानना है कि संभल इलाके में जब राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी हुआ करता थी, उसी दौरान पृथ्वीराज चौहान तोता-मैना के जोड़े के आपसी प्रेम से बेहद प्रभावित थे. इस जोड़े की मृत्यु के बाद उनकी याद में यह कब्र बनवाकर इनकी प्रेम कहानी कब्र पर लिखवाई थी. लेकिन कब्र पर लिखी भाषा के आज तक न पढ़े जाने से इस कहानी की पुष्टि नहीं होती.

एक हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है कब्र
दरअसल उत्तर प्रदेश का संभल एक ऐतिहासिक इतिहास अपने आप में समेटे हुए है. पुरातत्वविदों को आज भी हजारों वर्षो पुरानी ऐतिहासिक महत्व की तमाम मूर्तियां,ताम्र फलक आदि मिलते रहते हैं. जिनमें राजपूत राजाओं की आराध्य देवी चतुर्भुज महिष मर्दिनी की मूर्ति, ताम्र युगीन शस्त्र सैनिकों की प्रतिमा और पुरानी मुद्राओं के सिक्के आदि समेत तमाम पुरावशेष शामिल हैं. 

प्रख्यात पुरातत्व विद अतुल मिश्र ने बताया कि संभल इलाके से मिले अवशेषों का इतिहास तो मिलता है, लेकिन 1 हजार साल से पुरानी तोता मैना की कब्र की जानकारी आज भी इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के लिए अनसुलझी पहेली बनी हुई है. हर कोई तोता मैना की कब्र का राज जानना चाहता है.

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