यूपी में प्राइमरी स्कूल की सूरत बदल रही है. मेरठ में बच्चों में शिक्षा का अलख जगाने के लिए अपनी तरह की नायाब पहल की गई है. यहां बच्चों के लिए अत्याधुनिक लैब तैयार की गई है. इस लैब को बेहद ही हाईटेक तरीके से बनाया गया है ताकि बच्चे खेल-खेल में विज्ञान की जटिलताएं सीख सकें.
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पारस गोयल/मेरठ: अब यूपी में प्राइमरी स्कूल की सूरत बदल रही है. अब ऐसे ऐसे प्राइमरी स्कूल हो गए हैं, जो कॉन्वेंट स्कूलों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं. मेरठ के एक प्राइमरी स्कूल में बच्चे हाईटेक लैब में खेल-खेल में पढ़ाई कर रहे हैं. यही नहीं ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों के लिए भी इस लैब को खुला रखा जाता है ताकि घर-घर विज्ञान की समझ डेवलेप हो सके.
यूपी में प्राइमरी स्कूल की सूरत बदल रही है. मेरठ में बच्चों में शिक्षा का अलख जगाने के लिए अपनी तरह की नायाब पहल की गई है. यहां बच्चों के लिए अत्याधुनिक लैब तैयार की गई है. इस लैब को बेहद ही हाईटेक तरीके से बनाया गया है ताकि बच्चे खेल-खेल में विज्ञान की जटिलताएं सीख सकें.
मेरठ के उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहिद्दीनपुर में खुली इस प्रयोगशाला का नाम आधारशिला रखा गया है. यहां प्रयोग के माध्यम से बच्चों के कॉंसेप्ट क्लियर किए जाते हैं. इस अनूठी प्रयोगशाला का रविवार को उदघाटन किया गया. सीडीओ का कहना है कि ऐसा नॉलेज सेंटर डेवलेप करने का प्रयास है, जिससे बच्चों का ज्ञान सिर्फ किताबी न हो बल्कि विज्ञान के हर प्रयोग को वो समझ सके.
घर में इस्तेमाल की जाने वाली चीज़ों का विज्ञान भी यहां बच्चों को बताया जाता है. ये लैब ग्रामीणों के लिए भी खुली रहती है. सीडीओ ने बताया कि बेसिक शिक्षा के स्कूल, जूनियर और प्राइमरी स्कूल में नॉलेज सेटंर डेवलेप करने का प्रयास किया जा रहा है. सीडीओ का कहना है कि प्रैक्टिकल मॉडल देख बच्चे सीखेंगे तो आसानी से समझ सकेंगे ताकि ज्ञान सिर्फ किताबी न हो बल्कि हकीकत में उन्हें महसूस हो.
यहां बायोलॉजी केमिस्ट्री, फिज़िक्स के कठिन फॉर्मूलों को आसानी से प्रयोग के माध्यम से समझाया जाता है. यही नहीं बच्चों के साथ पूरे गांव को साइंटिफिक टेम्परामेंट बढ़ावा देने की योजना है. लैब में माइक्रोस्कोप टेलिस्कोप कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग न्यूटन लॉ इलेक्ट्रोमैगनेटिज्म के बारे में भी बताया जाता है. आने वाले दिनों में इस लैब को लिंक करने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि अन्य प्राइमरी स्कूल के बच्चों भी खेल खेल में पढ़ें और सीखें.
सीडीओ ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चे भी विज़िट कर सुझाव दें तो इसे और डेवलेप किया जाएगा. मेरठ के जिन प्राइमरी स्कूलों में अभी ऐसी लैब नहीं है वहां महीने में एक दिन अऩ्य स्कूल का टूर लगाया जाएगा. वाकई में बेसिक शिक्षा मज़बूत होगी क्रिएटिव होगी तो देश के नौनिहालों का भविष्य भी मज़बूत नींव पर आगे बढ़ेगा.
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