उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सभी छोटे-बड़े दलों के बीच चुनावी जंग तेज हो गई है. सभी दल अपने हिसाब से गोटियां बैठाने में लगे हैं. वहीं, गठबंधन कर कुनबा बढ़ाने में लगभग सभी दल जुटे हुए हैं.
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प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले सभी छोटे-बड़े दलों के बीच चुनावी जंग तेज हो गई है. सभी दल अपने हिसाब से गोटियां बैठाने में लगे हैं. वहीं, गठबंधन कर कुनबा बढ़ाने में लगभग सभी दल जुटे हुए हैं. इसी बीच दो विधायकों और एक एमएलसी वाले जनसत्ता दल के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) उर्फ 'राजा भइया' (Raja Bhaiya) के गढ़ प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा में 'अगला सीएम सीएम राजा भइया' टैगलाइन से होर्डिंग्स लगाई जा रही हैं.
बेंती कोठी के सामने लगे राजा भइया के पोस्टर
जिस राजा भइया को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पहचानने से इनकार कर दिया था, अब पूरे जिले में, कोठी के सामने, तहसील गेट के बगल में और इलाकों में कई जगह राजा भइया के समर्थक राकेश यादव प्रधान ने लगवा रखी है. होर्डिंग जिसमें राजा भइया को 'नेक्स्ट सीएम' बताया गया है.
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राजा भइया को पहचानने से किया इनकार
राकेश यादव ने अखिलेश यादव को भुलक्कड़ बताते हुए कहा कि अखिलेश ने अपने चाचा और पिता के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया था. बता दें, अखिलेश यादव बीते रविवार को प्रतापगढ़ में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने जब पत्रकारों से बात की तो राजा भइया से जुड़े सवाल बरसने लगे. लेकिन, हैरानी की बात यह है कि अखिलेश ने जनसत्ता लोकतांत्रिक दल के नेता को पहचानने से इनकार कर दिया.
अखिलेश यादव ने पूछा- कौन हैं ये?
दरअसल, अखिलेश यादव से पत्रकारों ने जब राजा भैया के साथ गठबंधन की बात की तो उन्होंने खुद पत्रकारों से पूछा, "ये कौन है, कौन है ये?" वहीं, उन्होंने प्रतापगढ़ के सपा कार्यकर्ताओं के लिए अखिलेश यादव ने कहा कि यहां के सपा कार्यकर्ताओं के साथ जो अन्याय हो रहा है, वैसा कहीं नहीं हुआ.
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