मनोज चतुर्वेदी/बलिया: स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. वो बसपा छोड़कर बीजेपी (BJP) में शामिल हुए थे. मौर्य 2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीते थे. उन्हें योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री बनाया गया था. स्वामी प्रसाद मौर्य के साइकिल पर सवार होने के बाद से ही यूपी की सियासत और गरमा गई है. विधायक सुरेंद्र सिंह स्वामी प्रसाद मौर्य को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मंत्री बनने के बावजूद उन्हें धन कमाने का मौका नहीं मिला इसलिए वो नाराज थे.


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मौर्य परिवार के लिए चाहते थे रोजगार
बेरोजगारी के जिस सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी को छोड़ और सपा की साइकिल पर सवारी करने का फैसला लिया. इस पर बलिया से बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह (BJP MLA Surendra Singh) ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा ने तो उन्हें समाज कल्याण और उद्योग मंत्री बना दिया था. अब वो अपने परिवार के लिए रोजगार चाहते हैं. परिवार के लिए रोजगार मतलब दुकान नही बल्कि नेतागिरी, विधायक और एमपी का टिकट चाहिए.


पिछड़े समाज के साथ धोखा और विश्वासघात कर रहे स्वामी प्रसाद मौर्य
भाजपा विधायक ने कहा कि पिछड़ी जाति के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पिछड़े समाज के साथ धोखा और विश्वासघात कर रहे हैं. अपने परिवार और खानदान को राजनीति में लाने के लिए इस तरह का नुख्सा लेते हैं. जिस तरह मुलायम सिंह के परिवार में सभी एमपी एमएलए हैं उसी तरह स्वामी प्रसाद मौर्य भी चाहते हैं कि मेरा बेटा ,बेटी, बहू, दामाद सब लोग एमपी एमएलए हो जाए. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसा भाजपा की संस्कृति में संभव नही है.


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