पवन सेंगर/लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की 25 करोड़ आबादी के उस सपने को साकार किया है, जिसे पांच साल पहले तक किसी सरकार ने सोचा भी नहीं था. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) थ्री में 80 हजार करोड़ रुपए की और परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी. 


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इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 80 हजार करोड़ की परियोजनाओं का भूमि पूजन करेंगे.  कार्यक्रम में देश के नामी उद्योगपति गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला, निरंजन हीरानंदानी और मैथ्यू आइरीज अपने विचारों को भी साझा करेंगे. कार्यक्रम में देश दुनिया के नामी उद्योगपति भी शामिल होंगे. 


देश दुनिया के दिग्गज उद्योगपति हो रहे शामिल
समारोह में देश के शीर्ष उद्योग जगत के नेता शामिल होंगे, जिसमें अध्यक्ष आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला, अडाणी समूह के अध्यक्ष और एमडी गौतम अडानी, आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष और एमडी संजीव पुरी; हीरानंदानी ग्रुप के एमडी निरंजन हीरानंदानी, जिंदल ग्रुप के चेयरमैन और एमडी सज्जन जिंदल, लुलु ग्रुप के एमडी युसूफ अली, वीपी एयर लिक्विड के मैथ्यू आइरीज़ आदि शामिल हैं. 


हर क्षेत्र में आया निवेश, यूनिवर्सिटी से लेकर लग रहे डेयरी प्लांट तक
इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रदेश में हर क्षेत्र में निवेश आया है. तीन जून को होने जा रहे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) थ्री में यूनिवर्सिटी से लेकर डेयरी प्लांट तक लग रहे हैं. जीबीसी थ्री में क्षेत्रवार सर्वाधिक 805 एमएसएमई के प्रोजेक्ट हैं. दूसरे नंबर पर कृषि और उससे जुड़े उद्योगों के 275, तीसरे नंबर पर फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल सप्लाई के 65 प्रोजेक्ट धरातल पर उतर रहे हैं. शिक्षा से जुड़े 1,183 करोड़ के छह प्रोजेक्ट लग रहे हैं. ऐसे ही डेयरी के 489 करोड़ के सात, पशुपालन के 224 करोड़ के छह प्रोजेक्ट लग रहे हैं. 


एमएसएमई में सर्वाधिक गौतमबुद्धनगर में 40, मथुरा में 15, लखनऊ में आठ, बाराबंकी में सात, गाजियाबाद और गोरखपुर में छह-छह प्रोजेक्ट
देश में सर्वाधिक 14.2 फीसदी 90 लाख एमएसएमई प्रदेश में है. जीबीसी थ्री में प्रदेश में एमएसएमई के 4459 करोड़ के प्रोजेक्ट लग रहे हैं. इनमें प्रमुख रुप से आगरा में दो, अलीगढ़ में तीन, अमेठी में दो, अयोध्या में एक, बाराबंकी में सात, बरेली में दो, चंदौली में एक, इटावा में एक, फतेहपुर में दो, फिरोजाबाद में एक, गौतमबुद्धनगर में 40, गाजियाबाद में छह, गोरखपुर में छह, हरदोई में चार, हाथरस में एक, जौनपुर में एक, कानपुर देहात में चार, कानपुर नगर में चार, लखीमपुर खीरी में एक, लखनऊ में आठ, मथुरा में 15, मेरठ में एक, मुरादाबाद में एक, प्रयागराज में एक, सहारनपुर में एक, शाहजहांपुर में एक, सीतापुर में एक और वाराणसी में दो सहित अन्य स्थानों पर प्रोजेक्ट लग रहे हैं. 


10 हजार करोड़ के लग रहे 112 प्रोजेक्ट
जीबीसी थ्री में 80,224 हजार करोड़ रुपए के निवेश में सर्वाधिक 29 प्रोजेक्ट 40,106 करोड़ के हैं. यह सभी प्रोजेक्ट पांच सौ करोड़ रुपए से अधिक के हैं. ऐसे ही दो सौ से पांच सौ करोड़ के बीच 15,614 करोड़ के 52 प्रोजेक्ट हैं. 50 करोड़ से दो सौ करोड़ रुपए तक 9,959 करोड़ के 112 प्रोजेक्ट हैं. 10 से 50 करोड़ के 230 प्रोजेक्ट 5,068 करोड़ रुपए के हैं. 10 करोड़ से कम के 972 प्रोजेक्ट 2,757 करोड़ रुपए के हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर को सहयोग करने वाले 5,408 करोड़ रुपए के 11 प्रोजेक्ट हैं. 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 2018 में हुए इंवेस्टर्स समिट में चार लाख 68 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए थे, जिसकी पहली और दूसरी के बाद अब जीबीसी थ्री होने जा रही है. जीबीसी थ्री में 80 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतर रहे हैं. 


निवेश के हिसाब से देखें, तो सर्वाधिक डेटा सेंटर के 19,928 करोड़ के सात, कृषि और उससे संबंधित उद्योग के 11,297 करोड़ के 275, आईटी और इलेक्ट्रानिक के 7,876 करोड़ के 26, इंफ्रास्ट्रक्चर के 6,632 करोड़ के 13 प्रोजेक्ट, मैन्यूफैक्चरिंग के 6,227 करोड़ के 27, हैंडलूम और टेक्सटाइल के 5,642 करोड़ के 46, अक्षय ऊर्जा के 4,782 करोड़ के 23, एमएसएमई के 4,459 करोड़ के 805, हाउसिंग और व्यवसायिक के 4,344 करोड़ के 19, हेल्थ केयर के 2,205 करोड़ के आठ, डिफेंस के 1,774 करोड़ के 23, वेयर हाउसिंग और लाजिस्टिक के 1,295 करोड़ के 26, एजूकेशन के 1183 करोड़ के छह, फार्मा और मेडिकल सप्लाई के 1088 करोड़ के 65, टूरिज्म और हास्पिटलिटी के 680 करोड़ के 23, डेयरी के 489 करोड़ के सात, पशुपालन के 224 करोड़ के छह और सौ करोड़ की लागत से फिल्म का एक प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने जा रहा है. 


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