MLC Chunav 2022: उत्तर प्रदेश के चुनाव में दूसरी बार जीत हासिल कर इतिहास बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब इस बार परिषद चुनाव में भी झंडा गाड़ने की कोशिश में लगी है. ऐसा इसलिए, क्योंकि विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के विधायक ज्यादा हैं. परिषद में सपा की 48 और बीजेपी की 36 सीटें हैं...
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UP MLC Chunav 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पूर्ण रूप से संपन्न होने के बाद अब विधान परिषद होने जा रहे हैं. इसी बीच राज्य की दोनों बड़ी पार्टियां बीजेपी और सपा अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरी तैयारी कर रही हैं. भाजपा जहां परिषद में अपने विधायक बढ़ाने की कोशिश कर रही है, वहीं सपा के सामने अपनी कुर्सियां बचाने की बड़ी चुनौती है. इसके अलावा, इस चुनाव को साल 2024 के लोकसभा चुनाव के समीकरणों को सेट करने का बड़ा जरिया भी माना जा रहा है.
मौजूदा समय में सपा बहुमत में
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में दूसरी बार जीत हासिल कर इतिहास बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब इस बार परिषद चुनाव में भी झंडा गाड़ने की कोशिश में लगी है. ऐसा इसलिए, क्योंकि विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के विधायक ज्यादा हैं. परिषद में सपा की 48 और बीजेपी की 36 सीटें हैं.
सपा के 8 एमएलसी बीजेपी में शामिल
हालांकि, बता दें कि सपा के 8 एमएलसी बीजेपी में शिफ्ट हो चुके हैं. वहीं, बहुजन समाज पार्टी का एक एमएलसी भी बीजेपी में शामिल हो गया है. ऐसे में भाजपा बस इसी प्रयास में है कि उच्च सदन में संख्या बल को बढ़ाया जा सके, जिससे परिषद में भी बीजेपी का बहुमत हो और कोई नया बिल पास करने में परेशानी न हो.
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सपा जारी कर चुकी है प्रत्याशियों की लिस्ट
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी भी जल्द ही अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर देगी. बताया जा रहा है कि कोर टीम ने एमएलसी उम्मीदवारों के नामों की यह लिस्ट केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दी है. अब इनपर मुहर लगने के बाद पार्टी इसे जनता के सामने पेश कर देगी. वहीं, समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर चुकी है.
2004 से आज तक का आंकड़ा
आपको जानकारी के लिए बताते हैं कि साल 2024 में मुलायम सिंह यादव की सरकार के दौरान परिषद चुनाव में 36 में से 24 सीटें सपा के पास थीं. मायावती की बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी. फिर, 2010 में जब चुनाव हुए तो बीएसपी की सरकार थी. उस दौरान उसने 36 में से 34 सीटें जीत ली थीं. इसके बाद साल 2016 में अखिलेश की सरकार के दौरान सपा ने 31 सीटों पर जीत हासिल की. इनमें से 8 सीटें ऐसी थीं, जिनपर सपा प्रत्याशियों को निर्विरोध जीत मिली थी, जबकि पहले समाजवादी पार्टी के पास सिर्फ एक ही सीट थी. आंकड़ों पर जाएं तो इस बार बीजेपी को भी विधान परिषद में बहुमत लाने में कोई खास दिक्कत नहीं आएगी.
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