UP Politics: सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा जबसे सत्ता में आई है, विपक्ष के प्रति उसकी बदले की कार्रवाई थमने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन विपक्षी नेताओं की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने का सिलसिला जारी है.
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विशाल रघुवंशी/लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज़म खान को सज़ा और उसके बाद विधानसभा सदस्यता रद्द करने पर बयान दिया है. सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा जबसे सत्ता में आई है, विपक्ष के प्रति उसकी बदले की कार्रवाई थमने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन विपक्षी नेताओं की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने का सिलसिला जारी है. समाजवादी पार्टी के नेताओं के प्रति भाजपा का रवैया दुश्मनी जैसा है.
आजम खान पर दर्ज किए जा रहे फर्जी मुकदमे - सपा अध्यक्ष
अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार के निशाने पर मुख्य रूप से रामपुर के लोकप्रिय समाजवादी नेता मोहम्मद आजम खां हैं, जिन पर रोज फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें हर तरह से परेशान किया जा रहा है. आजम खां भाजपा सरकार की आंखों में इसलिए खटकते हैं, क्योंकि वे साम्प्रदायिक ताकतों के धुर विरोधी हैं और लोकतंत्र तथा समाजवाद के लिए प्रतिबद्ध हैं. रचनात्मक कार्यों में उनकी विशेष रूचि है. वह संविधान और धर्मनिरपेक्षता के लिए निरन्तर संघर्ष करने वाले नेता रहे हैं.
भाजपा की आंखों में चुभते हैं आज़म खान--अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां नफरती राजनीति के विरोधी थे. इसलिए वे भाजपा की आंख की किरकिरी बन गए हैं. विधानसभा में उनके अकाट्य तर्कों और तीखे बयानों से भाजपा नेता असहज रहते थे. इसलिए उनके खिलाफ षडयंत्र के बीज बोए जाने लगे. भाजपा को चिढ़ है कि रामपुर में उन्होंने एक उच्चस्तरीय शैक्षिक संस्थान मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय बना दिया. जिससे इस क्षेत्र के नौजवानों को आगे बढ़ने का मौका मिलना तय था. इस बड़े काम की प्रशंसा के बजाय भाजपा सरकार विश्व विद्यालय को ही मटियामेट करने पर तुल गई.
अखिलेश ने आगे कहा कि आजम खां पर न जाने कितने झूठे मुकदमें लगा दिए गए. भाजपा मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को ध्वस्त करने में लगी है. जब प्रदेश में कुम्भ का महापर्व आया, तब समाजवादी सरकार में बतौर मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कुम्भ की तैयारियों पर निगाह रखी और लोगों की सुविधाओं का विस्तार किया. इसकी साधु संतों ने भी प्रशंसा की. भाजपा सरकार को याद रखना चाहिए कि राजनीति में द्वेष भावना का कोई स्थान नहीं है. लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की समान भूमिका होती है.