श्याम तिवारी/कानपुर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) सिर पर हैं. इसके लिए सभी पार्टियां अपनी-अपनी गोटियां सेट करने में लगी हैं. नेता नए-नए गठबंधन बना रहे हैं. इसी बीच Zee Media के संवाददाता ने औद्योगिक विकास मंत्री (UP Industrial Development Minister) सतीश महाना (Satish Mahana) से बातचीत की और तमाम सियासी दलों के गठबंधन के बीच भाजपा की रणनीति के बारे में पूछा. इस सवाल के जवाब में महाना को एक कहावत याद आ गई. उन्होंने कहा कि 'कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा' कहावत यहां पर सटीक बैठती है. ये सभी दल पहली बार गठबंधन कर नहीं रहे हैं, जीत की कोशिश में पहले भी एक-दूसरे का हाथ थाम चुके हैं. कोई फायदा तो उन्हें कभी हुआ नहीं.


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उत्तराखंड के सियासी गलियारों में हलचल: क्या हरीश रावत के आगे सरेंडर हुए हरक?


गठबंधन का मंशा है भाजपा को हटाना, न की जनता का समाधान करना- महाना
महाना का कहना है कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने देश की एक समय की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस (Congress) के साथ गठबंधन किया था. पहले उनके पास 8 सीटें थीं, गठबंधन के बाद 5 ही रह गईं. इन पार्टियों ने सोचा कि लोग तो जाति के आधार पर वोट करते हैं. इसलिए इन दलों ने लोगों को जाति के आधार पर बांटने का और समाज को तोड़ने का काम किया. जाति के हिसाब से दो राजनीतिक दल फिर से साथ आ गए- वह थे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी. उन्हें लगा मेजोरिटी में जातियों को हमने साथ ले लिया अब तो हम जीत जाएंगे. जब सपा-बसपा ने गठबंधन किया तो विधानसभा चुनाव में सपा 247 से 47 पर आ गई. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि जनता भी जानती है कि ये पार्टियां गठबंधन की राजनीति क्यों कर रही हैं. यह गठबंधन जनता के हित में तो कर नहीं रहे. इनका एक यही एजेंडा है कि बीजेपी न आए. और भाजपा क्यों नहीं आनी चाहिए? क्योंकि भाजपा जनता के लिए काम करती है. भाजपा किसान, बुजुर्ग, बहन-बेटियों की चिंता करती है. 


जनता को खुद से जोड़ने के लिए उनकी समस्याएं बढ़ाता है विपक्ष- महाना
विपक्षियों को लगता है कि जनता में समस्याएं बनी रहेंगी, तो जनता इनसे जुड़ी रहेगी. लेकिन भाजपा सोचती है कि जनता की समस्याओं का समाधान निकालेगी, तभी जनता हमसे जुड़ेगी. इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर कदम सिर्फ समस्या का समाधान निकालने के लिए उठता है. 


यूपी में महिलाओं के टिकट तय करने कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक आज शाम


राजभर ने खुद ही इतने दल बदले, 150 सीटें कैसे जीतेंगे- महाना
हाल ही में सपा के साथ गठबंधन करने वाले ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि बीजेपी की जमानत जब्त हो जाएगी. पूर्वांचल में 150 सीटों में से एक भी सीट बीजेपी को नहीं जीतने देंगे. इसपर सतीश महाना ने कहा कि आज राजभर सपा का हाथ थाम रहे हैं. कुछ दिनों पहले ओवैसी के गले मिल रहे थे. कह रहे थे उनका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे. बाद में किसी और के साथ चले गए. अलग-अलग समय पर अलग-अलग नेताओं के साथ इनकी तस्वीरें देखी गईं. अब आगे देखिए पहले वह कहां सेटल होते हैं.


कांग्रेस के पास प्रत्याशी ही नहीं हैं- महाना
कांग्रेस इस बार चुनावों को लेकर लोगों को लुभाने के लिए घोषणाएं कर रही है. साथ ही, कांग्रेसे ने 40 फीसदी टिकट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का वादा किया है. क्या इससे कुछ फर्क पड़ेगा? इसपर महाना ने जवाब दिया कि कांग्रेस के पास प्रत्याशी ही नहीं हैं. कांग्रेस ने कहा है कि 11 हजार रुपये देकर जो पर्ची कटवाएगा, चंदा देगा, उसे प्रत्याशी बनाएंगे. आज भी कानपुर के अखबारों में छपा है कि 10 विधानसभाओं में से कौन टिकट ले सकता है, उसमें महिलाओं का नाम एक ही होगा शायद. यानी कांग्रेस के पास प्रत्याशी ही नहीं हैं. जहां तक बात महिला प्रत्याशियों की है तो भाजपा में ही सबसे ज्यादा महिलाएं हैं. 


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