वीमेन कार्ड की हकीकत: यूपी की चुनावी बिसात पर यह रहा महिला दावेदारों का हाल, कैसे आएगा बदलाव?
याद हो साल 2017 में कांग्रेस ने दिवंगत दिग्गज नेता शीला दीक्षित को यूपी सीएम के लिए उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया था. हालांकि, जब कांग्रेस और सपा के गठबंधन का सिलसिला शुरू हुआ तो शीला दीक्षित के नाम की चर्चा ही नहीं हुई...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. ऐसे में सभी दल जीतने के लिए चारों तरफ हाथ-पैर मारने में लगे हैं. जातीय समीकरण के हिसाब से जनता को लुभाने की कोशिश तो की ही जा रही है, साथ ही महिलाओं को युवाओं को भी रिझाने की तैयारियां हो रही हैं. इसी बीच कांग्रेस का ऐलान कि पार्टी इस बार के चुनाव में 40% टिकट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, यह एक बड़ा दांव साबित हो सकता है. हालांकि, 1952 से लेकर अभी तक के चुनावो में महिलाओं को 33% रिजर्वेशन देने की बात हुई है. फिलहाल, इतनी सीटें भी महिलाओं को नहीं मिल सकी हैं. वहीं, बीते इलेक्शन में सबसे कम महिलाओं की भागीदारी रखने वाली पार्टी में कांग्रेस भी शामिल थी.
शीला दीक्षित को भूल गई थी कांग्रेस?
इसके अलावा, याद हो साल 2017 में कांग्रेस ने दिवंगत दिग्गज नेता शीला दीक्षित को यूपी सीएम के लिए उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया था. हालांकि, जब कांग्रेस और सपा के गठबंधन का सिलसिला शुरू हुआ तो शीला दीक्षित के नाम की चर्चा ही नहीं हुई. शीला दीक्षित 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.
373 महिला प्रत्याशियों की जब्त हुई थी जमानत
इतना ही नहीं, जनती की ओर से भी महिला उम्मीदवारों के प्रति बहुत भरोसा कभी देखने को नहीं मिला. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चला था कि पिछले विधानसभा चुनाव में 482 महिला प्रत्याशी मैदान में उतरी थीं, लेकिन सिर्फ 42 महिलाएं ही जीत कर सदन तक पहुंच पाई थीं. वहीं, 373 महिलाओं की जमानत तक जब्त कर ली गई थी.
2017 में पार्टियों ने दिया था इतनी महिलाओं को टिकट
आंकड़े बताते हैं कि साल 2017 के चुनाव के बाद सदन में 42 महिलाएं चुनकर आई थीं. इनकी संख्या 2012 चुनाव से ज्यादा थीं, क्योंकि 2012 में केवल 35 महिलाएं ही विधायक बनी थीं. 2017 में भी भारतीय जनता पार्टी ने ही सबसे ज्यादा महिला प्रत्याशियों को टिकट दिए थे. 46 महिलाओं को टिकट देने के बाद उनकी प्रत्याशियों में कुल संख्या का 12% थी. भाजपा के टिकट से 35 महिला विधायक बनी थीं. इसके बाद समाजवादी पार्टी ने 34 महिलाओं को टिकट दिया था. वहीं कांग्रेस ने 12 और बसपा ने 21 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया था, जो उसके कुल प्रत्याशियों का 5% ही था.
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