Varanasi-Kolkata Expressway: वाराणसी से पश्चिम बंगाल के बीच एक्सप्रेस-वे (Varanasi Kolkata Expressway) का निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है. जानिए इस एक्सप्रेस-वे बनने के बाद लोगों को क्या फायदा मिलेगा और इसका रूट क्या रहेगा.
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Varanasi-Kolkata Expressway: उत्तर प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश को एक के बाद एक एक्सप्रेसवे की सौगात मिल रही हैं. इसी में से एक है वाराणसी से पश्चिम बंगाल के बीच बनने वाला एक्सप्रेस-वे (Varanasi Kolkata Expressway). जिसके निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है. जानिए इस एक्सप्रेस-वे बनने के बाद लोगों को क्या फायदा मिलेगा और इसका रूट क्या रहेगा.
चार राज्यों से गुजरेगा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे (Varanasi-Kolkata Expressway cover 4 State )
वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे कुल 4 राज्यों से होकर गुजरेगा. जिसमें उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल है. यानी इस राज्यों के लोगों को इस एक्सप्रेस-वे का फायदा मिलेगा. साथ ही इसका लाभ व्यापार को आसान करने में भी हो सकेगा, क्योंकि इससे माल की आवाजाही में आसानी हो सकेगी.
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे की लंबाई और लागत (Varanasi-Kolkata Expressway Cost )
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 640 किलोमीटर होगी. 8 लेन वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 28.5 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. एक्सप्रेस-वे का बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल (242 किलोमीटर) में बनेगा.
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से फायदा (Varanasi-Kolkata Expressway Benifits )
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे बनने से यूपी को भी फायदा मिलेगा. दरअलस वाराणसी से कोलकाता की दूरी करीब 640 किलोमीटर है, जिसको पूरा करने में करीब 12 से 14 घंटे लगते है. एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद यह समय आधा रह जाएगा. यानी 7 घंटे में वाराणसी से कोलकाता पहुंचा जा सकेगा. हालांकि यूपी में इस एक्सप्रेस वे का केवल 22 किलोमीटर ही हिस्सा होगा, जो चंदौली जिले के बरहुली गांव में वाराणसी रिंग रोड से शुरू होगा और इसके बाद बिहार में प्रवेश करेगा.
क्या होगा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का रूट (Varanasi-Kolkata Expressway Route )
वाराणसी से कोलकाता के बीच बनने वाला वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे चंदौली जिले के बाद बिहार में पहुंचेगा. यहां के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिलों के जरिए यह झारखंड में प्रवेश करेगा. यहां के चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, पीटरबार और बोकारो से होते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, बांकुरा और आरामबाग से गुजरेगा.