मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने इन दिनों अपनी ही सरकार और दल के खिलाफ ट्विटर पर मोर्चा खोल रखा है. आए दिन वरुण कोई न कोई ऐसा ट्वीट कर दे रहे हैं, जिसमें उनके बगावती तेवरों की झलक मिलती है. किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर खीरी हिंसा तक, वरुण गांधी ने काफी मुखरता से अपने विचार ट्विटर पर व्यक्त किए हैं. बीते दिनों में वरुण के ट्वीट ऐसे रहे हैं, जिनको पढ़ने से पता चलता है कि वह अपरोक्ष रूप से भाजपा सरकार और उसकी नीतियों से सहमत नहीं हैं.


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कांग्रेसियों के पोस्टर में वरुण गांधी का स्वागत
उनके इस बगावती तेवर का इस्तेमाल विपक्षी दलों ने भी भाजपा पर निशाना साधने के लिए किया है. मंगलवार को प्रयागराज में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. दरअसल कांग्रेसियों ने पोस्टर चस्पा किए, जिसमें सोनिया गांधी और वरुण गांधी (Varun Gandhi on Congress Poster) एक साथ दिख रहे हैं. पोस्टर के जरिए कांग्रेसी वरुण गांधी का पार्टी में स्वागत कर रहे ​हैं, जिस पर संदेश लिखा है, ''दुःख भरे दिन बीते रे भईया, अब सुख आयो रे.'' कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेता इरशाद उल्ला और बाबा अभय अवस्थी ने ये पोस्टर्स लगाए हैं, जो सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहा है.


किसान आंदोलन पर लगातार मुखर रहे हैं वरुण
आपको बता दें कि वरुण गांधी किसानों के मुद्दे पर लगातार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे हैं. उन्होंने लखीमपुर हिंसा मसले पर भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग उठाई थी. इसके अलावा घटना का वीडियो शेयर कर गुस्सा जाहिर किया था. इससे पहले वह मुख्यमंत्री योगी को किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर कई पत्र लिख चुके हैं, जिनमें गन्ना मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल करने, ​डीजल पर सब्सिडी देने, बिजली बिल माफ करने संबंधी मांगें उठाई गई हैं.


क्या भाजपा से बढ़ गई हैं वरुण-मेनका की दूरियां
सवाल उठने लगे हैं कि क्या वरुण फिरोज गांधी और भाजपा के बीच दूरियां बढ़ गई हैं? इन अटकलों को भाजपा के हालिया फैसले ने और हवा दे दी है, जिसमें वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया. लखीमपुर हिंसा पर वरुण के मुखर होने के कुछ दिन बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की. भाजपा नई कार्यकारिणी में वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी को भी स्थान नहीं दिया गया है. वह भी बीते कुछ महीनों से एंटी पार्टी स्टैंड लिए हुए हैं. बीते दिनों जेपी नड्डा ने वरुण गांधी को मिलने के लिए भी बुलाया था. 


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