Vat Savitri Vrat 2022: इस दिन बन रहा विशेष संयोग, जान लें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि
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Vat Savitri Vrat 2022: इस दिन बन रहा विशेष संयोग, जान लें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि

Vat Savitri Pooja Vidhi: सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. फिर घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान का नाम लें. वट सावित्री के व्रत के दिन वट वृक्ष का खास महत्व होता है. इसलिए वट वृक्ष के नीचे सत्यवान-सावित्रि की मूर्ति रखें. प्रतिमा और वृक्ष पर जल चढ़ाएं और पूजन सामग्री अर्पित करें...

Vat Savitri Vrat 2022: इस दिन बन रहा विशेष संयोग, जान लें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि

Vat Savitri Vrat 2022: इस मई 30 तारीख को वट सावित्री का पावन व्रत होगा. इस दौरान वट सावित्री के व्रत पर एक अच्छा संयोग बनने जा रहा है. 30 मई को ही शनि जयंती भी है और सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू होने वाला है जो कि 31 मई की सुबह 5 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषविदों के अनुसार, इस खास योग में अगर आप पूजा-पाठ करेंगे तो इससे आपको कई गुना ज्यादा फल मिलेगा.

पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री का व्रत
गौरतलब है कि जेठ महीने की अमावस्या पर वट सावित्री का व्रत रखा जाता है. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए पूजा करती हैं. इसी के साथ वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा की जाती है और उसकी परिक्रमा कर पति के सुखी जीवन की कामना की जाती है. मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा करने और उसपर रक्षा सूत्र बांधने से पति की लंबी आयु की प्रार्थना भगवान सुनते हैं. इसी के साथ सुहागिन महिला की हर मनोकामना पूरी होती है. 

वट वृक्ष में त्रिदेवों का वास
दरअसल, कहा जाता है कि इश वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. इसलिए इस वृक्ष की पूजा करने से त्रिदेव खुश होते हैं और सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान देते हैं.

जानें क्या है शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि की शुरुआत: 29 मई, 2022 (दोपहर 02:54 बजे)
अमावस्या तिथि का समापन: 30 मई, 2022 (शाम 04:59 बजे)

यहां जानें वट सावित्री की पूजा-विधि
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. फिर घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान का नाम लें. वट सावित्री के व्रत के दिन वट वृक्ष का खास महत्व होता है. इसलिए वट वृक्ष के नीचे सत्यवान-सावित्रि की मूर्ति रखें. प्रतिमा और वृक्ष पर जल चढ़ाएं और पूजन सामग्री अर्पित करें. 

सुनें वट सावित्री की कथा
सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करें और लाल कलावा बांधते रहें. वट सावित्री व्रत की कथा जरूर सुनें और भगवान का ध्यान करें.

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