Electricity Rate in UP: उत्तर प्रदेश में लंबे समय से बिजली दरों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन इसके उलट दिवाली में विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली बिल घटने वाला है. बिजलीदरों में कमी के लिए UPERC में प्रस्ताव दाखिल किया गया है. विद्युत उपभोक्ता परिषद कि ये मुहिम रंग लाती दिख रही है. पहली बार प्रदेश की कंपनियों की तरफ से UPPCL ने वर्ष 2023-24 की पहली में ईंधन अधिभार शुल्क में 35पैसे /यूनिट तक कमी की बात कही गई है. अलग-अलग श्रेणी वार 18 पैसा प्रति यूनिट से लेकर 69 पैसा प्रति यूनिट तक बिजली दरों में कमी लाने का प्रस्ताव दाखिल किया है.


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UPPCL News: दिवाली पर बिजली कटौती हुई तो खैर नहीं, यूपी में किस इलाके को कितनी बिजली मिलेगी, पूरा शेड्यूल जारी


उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर प्रक्रिया आगे बढाने की मांग की है. नियामक आयोग कानून की परिधि में फैसला ले ताकि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को इसका अगले तीन महीने तक फायदा मिले.


उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा जिस राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर कुल लगभग 33122 करोड सरप्लस निकल रहा है. इसलिए आगे भी प्रदेश की बिजली कंपनियां ना चाह कर भी फ्यूल सरचार्ज में कोई भी बढोतरी या बिजली दरों में कोई इजाफा तब तक नहीं कर पाएंगी, जब तक उपभोक्ताओं का हिसाब बराबर नहीं हो जाता. जब भी ईंधन अधिभार के तौर पर उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकलेगा, उसके आवाज में बिजली दलों में कमी करना अनिवार्य होगा.


उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अप्रैल मई जून 2023 क्वार्टर 1 के लिए जो आकलन पावर कारपोरेशन ने प्रदेश के उपभोक्ताओं को लाभ दिए जाने हेतु कुल 1055 करोड के आधार पर अलग-अलग श्रेणी बार उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी के लिए प्रस्ताव दाखिल कर दिया है वह 18 पैसे प्रति यूनिट से लेकर रूपया 69  प्रति यूनिट तक है


श्रेणी वार उपभोक्ता                                                                   प्रस्तावित ईंधन अधिभार कमी
घरेलू बीपीएल                                                                             18 पैसे प्रति यूनिट
घरेलू सामान्य                                                                          26 से 34  पैसे प्रति यूनिट
कामर्शियल                                                                                   34 से 48 पैसे प्रति यूनिट
किसान                                                                                   13 से 30 पैसे प्रति यूनिट
नान इंडस्ट्रील बल्कलोड                                                               46 से रूपया 69 प्रति यूनिट
भारी उधोग                                                                                  33 से 38 पैसे प्रति यूनिट
                                                                                       
वहीं  ग्रामीण घरेलू आनमीटर्ड जिनसे अभी रुपया 500 प्रति किलो वाट प्रति माह लिया जाता है उनकी बिजली दरों में प्रति माह  50 रुपया 90 पैसा प्रति किलो वाट प्रति माह का फायदा होगा वहीं किसानों को 48 रुपया 43पैसा प्रति हॉर्स पावर  का फायदा होगा।     


दरअसल, बिजली कंपनियों की ओर से पावर कारपोरेशन ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में ईंधन अधिभार यानी फ्यूल सरचार्ज वर्ष 2023-24 अप्रैल मई जून 2023 तिमाही एक के लिए आखिरकार विद्युत नियामक आयोग में 35 पैसा प्रति यूनिट की कमी का प्रस्ताव दिया है. उपभोक्ता परिषद लगातार फ्यूल सरचार्ज को सही तरीके से लागू करने के लिए पावर कॉरपोरेशन पर दबाव बनाए हुए था. कारपोरेशन के प्रस्ताव का खुलासा हुआ तो उपभोक्ता परिषद ने कहा अब उसकी लड़ाई आगे ले जाएंगे. अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि यूपी के बिजल उपभोक्ताओं का अगले 3 महीने तक बिजली दरों में कमी का लाभ प्राप्त होगा.


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बिजली कंपनियों ने जुलाई 2023 में चौथी तिमाही के लिए 61 पैसा प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली दरों में बढोतरी के लिए फ्यूल सरचार्ज वसूलने का प्रस्ताव दाखिल किया था. इस पर उपभोक्ता परिषद ने दाखिल आपत्तियों के बाद पावर कॉरपोरेशन पीछे हट गया था. वह पूरा मामला ठंडा बस्ते में चला गया था. पावर कारपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग में जो ईंधन अधिकार शुल्क के एवज में 35 पैसे प्रति यूनिट कमी के लिए अलग-अलग श्रेणी वार प्रस्ताव दाखिल किया है. 


जो कानून विद्युत नियामक आयोग ने बनाया है, उसके हिसाब से प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक तिमाही के हिसाब से ईंधन अधिभार शुल्क पर प्रस्ताव दाखिल करना होता है. लेकिन वर्तमान में केंद्र सरकार के कानून के मुताबिक, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक माह फ्यूल सरचार्ज का कानून स्वत लागू किए जाने का प्रावधान किया गया है. अभी वह कानून विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली कंपनियों के लिए लागू नहीं किया है. 


 


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