कानपुर: इंद्र देवता को खुश करने के लिए महिलाओं ने किया ऐसा काम, हो रही चर्चा
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कानपुर: इंद्र देवता को खुश करने के लिए महिलाओं ने किया ऐसा काम, हो रही चर्चा

गांव की महिला सीमा सचान ने बताया हमारे धर्म और शास्त्रों में ऐसा हुआ है कि जब देव काल के राजा जनक के राज में एक बार सूखा पड़ गया था, तब उनको बताया गया कि राजा और रानी मिल कर अगर खेतों में हल चलाएंगे तो निश्चित ही भगवान खुश होंगे 

कानपुर: इंद्र देवता को खुश करने के लिए महिलाओं ने किया ऐसा काम, हो रही चर्चा

कानपुर देहात: मौसम की बेरुखी के चलते कानपुर देहात में इन दिनों सूखे जैसे हालात बन चुके हैं. जल वर्षा ना होने के चलते लोगों की बोई जाने वाली फसलों धान, तिली आदि की नई पौध बारिश के अभाव में सूख रही हैं. वहीं, जानवरों के लिए हरा चारा भी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है. गांव में तालाब, पोखर और कुएं आदि का पानी भी सूख गया है. आम जनमानस के साथ ही पशु-पक्षियों को भी पीने का पानी सुगमता से नहीं मिल पा रहा है. प्यास के चलते पशु पक्षी भी दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. वर्षा हो इसके लिए कानपुर देहात की महिलाओं ने बारिश के देवता भगवान इंद्र को खुश करने के लिए नए-नए जतन अपना रही हैं. महिलाएं भगवान इंद्र की पूजा कर खुद खेत में हल चलाकर बारिश कर आम जनमानस को राहत देने की प्रार्थना की है.

मंगला गीत गाकर भगवान इंद्र को बारिश के लिए मना रही महिलाएं 
कानपुर देहात के भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के मदनपुर की गांव की महिलाओं ने बारिश ना होने के चलते आए दिन नए-नए जतन अपना रहीं हैं. गांव की महिलाओं ने बारिश के देवता भगवान इंद्र को खुश करने के लिए जल वर्षा करने के लिए प्रार्थना की है. इसके लिए गांव की सभी महिलाएं ढोलक मंजीरा और खंजरी लेकर भगवान के मंगल गीत गाते हुए उन को प्रसन्न करने का कार्य किया. इसके साथ ही महिलाओं ने हल का पूजन कर महिलाओं ने खुद अपने कंधे पर हल को रखकर खेत में जुताई की है. महिलाओं को यह विश्वास है कि ऐसा करने से भगवान खुश होंगे और बारिश होगी. 

क्या है कहानी? 
गांव की महिला सीमा सचान ने बताया हमारे धर्म और शास्त्रों में ऐसा हुआ है कि जब देव काल के राजा जनक के राज में एक बार सूखा पड़ गया था, तब उनको बताया गया कि राजा और रानी मिल कर अगर खेतों में हल चलाएंगे तो निश्चित ही भगवान खुश होंगे और जल वर्षा करेंगे उनके द्वारा किए गए कार्य से उनके राज्य में वर्षा हुई. किसानों अन्नदाताओं की बोई गई फसलों को लाभ मिला और उनके हल चलाने से उनको मां जानकी सीता पुत्री के रूप में प्राप्त हुई. 

हमें ही नहीं सभी लोगों को विश्वास है कि महिलाओं के द्वारा हल चलाने से निश्चित ही भगवान खुश होंगे और वर्षा होगी जो आम जनमानस में जो इस समय परेशानियां हो रही है. लोगों के खेतों में जो धूल उड़ रही है. उसमें फसल बोई जा सकेगी. जानवरों और पशु पक्षियों को भी इसका लाभ मिलेगा.  बस इसी कामना के साथ हम लोग रात में रतजगा भी कर रहे हैं ढोलक मंजीरा के साथ मंगल गीत गा रहे हैं कि भगवान खुश हो और बारिश करें. 

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