Who is Gangster Sanjeev Jeeva​ : पश्चिमी यूपी का कुख्‍यात बदमाश संजीव जीवा की बुधवार को लखनऊ के एक कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई. हमले में एक बच्‍ची और पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है. हमलावर की पहचान विजय यादव के रूप में हुई है. वह जौनपुर का रहने वाला है. संजीव जीवा लखनऊ की जेल में बंद था, उसे पेशी के लिए लाया गया था. कंपाउंडर से गैंगस्‍टर बने संजीव जीवा से पूरे प्रदेश के कारोबारी थर-थर कांपते थे. तो आइये जानते हैं संजीव जीवा की अनुसनी कहानी. 


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90 के दशक में अपराध की दुनिया में रखा था कदम 
संजीव महेश्‍वरी उर्फ जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला था. संजीव जीवा ने 90 के दशक में अपराध की दुनिया में कदम रखा था. कुछ ही दिन में संजीव का खौफ पूरे पश्चिमी यूपी में फैल गया था. इसके बाद पुलिस के लिए सिरदर्द बनता गया. कृष्‍णानंद राय हत्‍याकांड में भी संजीव का नाम सामने आया था. 


दवाखाना मालिक से उधार लिए थे पैसे  
शुरुआती दिनों में वह एक डॉक्‍टर के यहां कंपाउंडर था. संजीव की किस्‍मत उस‍ दिन बदली जब उसे मालिक ने वसूली करने के लिए भेज दिया. दरअसल, दवाखाना के मालिक से एक शख्‍स ने कुछ रुपये उधार लिए थे. कई बार मांगने पर वापस नहीं किए. दवाखाना मालिक उससे परेशान हो गया था. 


...ऐसे बन गया था अपराधी 
इसके बाद दवाखाना मालिक एक दिन संजीव को उससे रुपये वसूली के लिए भेज देता है. बस उसी दिन से संजीव ने खुद की इबारत लिख डाली. संजीव जीवा उधार के पूरे पैसे लाकर मालिक के हाथ में रख दिया. इसके बाद से उसका हौसला भी बढ़ गया. 


अपने ही दवाखाना मालिक को अगवा किया 
संजीव के पैर जरायम की दुनिया में बढ़ते गए. कुछ दिन में कंपाउडंर से वह जरायम की दुनिया का 'डॉक्‍टर' बन गया. इसके बाद संजीव ने अपने ही दवाखाना मालिक का अपहरण कर लिया. इसके बाद कोलकाता के एक बड़े कारोबारी के बेटे को अगवा कर लिया. 


दो बड़े हत्‍याकांड में था शामिल 
इसी दौरान 1997 में हुई भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में भी संजीव जीवा का नाम सामने आया था. जेल में जाने के बाद जीवा मुन्‍ना बजरंगी के संपर्क में आ गया. धीरे-धीरे संजीव मुख्‍तार अंसारी का दाहिना हाथ बन गया. बताया जाता है कि मुख्तार अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो जीवा ही मुख्‍तार को हथियार मुहैया कराता था. कृष्‍णानंद राय हत्‍याकांड में भी संजीव का नाम सामने आया था. 


पत्‍नी ने सुरक्षा की गुहार लगाई थी 
हालांकि मुख्तार और जीवा कृष्णानंद राय हत्याकांड में बरी कर दिया. उस पर दो दर्जन से ज्‍यादा मुकदमे दर्ज थे. कई मामलों में वह बरी भी हो चुका था. जेल से गैंग चलाने का भी आरोप था. साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी संजीव का नाम सामने आया था. संजीव फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था. 2021 में संजीव की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर गैंगस्‍टर पति की जान को खतरा बताया था. पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं. 


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