हमारे यहां शराब की दुकानों पर वाइन शॉप ही क्यों लिखा होता है, लिकर शॉप क्यों नहीं? यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब
आपने देखा होगा कि हमारे देश में शराब की दुकानों पर वाइन शॉप लिखा होता है. क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि आखिर क्यों इन दुकानों के लिए वाइन शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है.
नई दिल्ली: अक्सर आपने देखा होगा कि हमारे यहां शराब की दुकानों पर वाइन शॉप लिखा होता है. भारत में ज्यादातर लोग भी शराब की दुकानों को वाइन शॉप ही कहते हैं. क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि आखिर ऐसा क्यों है कि इन दुकानों के लिए वाइन शब्द का ही सबसे जयादा इस्तेमाल किया जाता है. जबकि इन दुकानों पर कई अन्य तरह की शराब भी मिलती है. आइये आज हम आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या कारण है.
इतिहास से जुड़ी है इसकी कहानी
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि भारतीय इतिहास में राजा-महाराजाओं के शासन काल के दौरान मदिरापान के लिए वाइन का इस्तेमाल ही सबसे ज्यादा किया जाता था. उस वक्त सभी राजा-महाराजा शराब के रूप में वाइन का ही सेवन किया करते थे. इसका सबसे मुख्य कारण यह था कि इसे बनाना काफी आसान था. साथ ही इसे बिना किसी मशीन का इस्तेमाल किए भी बनाया जा सकता था. हालांकि, काफी समय बाद कुछ अन्य शराबों की बिक्री भी शुरू हो गई.
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इसी तरह धीरे-धीरे किसी भी शराब को जब वाइन के नाम से ही जाना जाने लगा, तो शराब की दुकानों के लिए भी वाइन शब्द का ही इस्तेमाल किया गया. इसी के साथ यह चलन में भी आ गया. यह ठीक वैसा ही है, जैसे फ्यूल स्टेशन पर डीजल और पेट्रोल दोनों मिलते हैं, लेकिन लोगों द्वारा इसे पेट्रोल पंप ही कहा जाता है. वे इस जगह को कभी भी डीजल पंप के नाम से नहीं पुकारते हैं. लोग इस जगह के लिए ज्यादातर पेट्रोल पंप का ही इस्तेमाल करते हैं, जबकि यहां कई अन्य तरह के प्रोडक्ट भी मिलते हैं.
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