दहेज की कुप्रथा पर योगी सरकार का वार: 2004 के बाद शादी करने वाले कर्मचारियों को देना होगा ब्योरा
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1014471

दहेज की कुप्रथा पर योगी सरकार का वार: 2004 के बाद शादी करने वाले कर्मचारियों को देना होगा ब्योरा

जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक की ओर से सभी जिलों को एक पत्र भेजा गया है. नए नियम के मुताबिक अधिकारियों और कर्मचारियों को एक घोषणा पत्र जमा करना होगा. 

सांकेतिक तस्वीर.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दहेज की कुप्रथा पर चोट करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. यूपी गवर्नमेंट के एक नए आदेश के मुताबिक साल 2004 के बाद जिन भी सरकारी अफसरों और कर्मचारियों की शादी हुई है, उन्हें दहेज का ब्योरा शासन को भेजना होगा. ऐसे सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को महिला एवं बाल कल्याण विभाग की तरफ से नोटिस भेजा जा रहा है. शासन ने 12 अक्टूबर को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसपर अमल शुरू हो गया है. 

अधिकारियों और कर्मचारियों को एक घोषणा पत्र जमा करना होगा
जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक की ओर से सभी जिलों को एक पत्र भेजा गया है. नए नियम के मुताबिक अधिकारियों और कर्मचारियों को एक घोषणा पत्र जमा करना होगा. घोषणा पत्र में कर्मियों को यह बताना होगा कि उन्होंने अपनी शादी के दौरान दहेज लिया था या नहीं. जिन सरकारी कर्मचारियों की शादी 31 अप्रैल 2004 के बाद हुई है उनके लिए यह घोषणा पत्र भरकर देना अनिवार्य होगा. यूपी अलग-अलग विभागों में 10 हजार के करीब ऐसे कर्मचारी और अधिकारी बताए जा रहे हैं, जिनकी शादी 2004 के बाद हुई है.

सिद्धार्थनगर में PM बोले: यूपी में 2017 से पहले 24 घंटे चलती थी भ्रष्टाचार की साइकिल

इन सभी कर्मियों को उनके संबंधित विभागा प्रमुखों के माध्यम से नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है. इससे पहले योगी सरकार कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अपनी संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर चुकी है. अब दहेज का ब्योरा देना पड़ेगा. सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी घोषणा पत्र जमा नहीं कराता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. सरकारी विभागों को अक्टूबर तक घोषणा पत्र संकलित करके अपनी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करना है.

PM Kisan की आने वाली है 10वीं किस्त: अगर आपका भी अटका है पैसा, तो करें ये काम

दहेज की कुप्रथा को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली, 1999 बनाई गई है. 31 मार्च 2004 को उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 2004 में पहला संशोधन किया गया था. अब इस नियमावली के नियम 5 में यह प्रावधान कर दिया गया है कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को अपनी शादी के समय संबंधित विभाग प्रमुख को एक स्व-हस्ताक्षरित घोषणा पत्र देना होगा. इस घोषणा पत्र में कर्मचारी यह स्वीकार करेगा कि उसने अपनी शादी में कोई दहेज नहीं लिया है.

WATCH LIVE TV

Trending news