Zee Media के 'महा ओपिनियन पोल' के इन नतीजों के आने के बाद देश के बड़े चुनावी पंडितों और सियासी विश्लेषकों का भी मानना है कि चुनाव के बाद नतीजे कमोबेश ऐसे ही आ सकते हैं. बड़ी बात यह है कि सर्वे के नतीजों से साफ होता जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में BJP और SP के बीच ही सीधा मुकाबला है, बाकी पार्टियां इस मुकाबले में भागीदार बन कर रह जाएंगी...
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Zee Opinion Poll: उत्तर प्रदेश में अगली सरकार बनाने का मुकाबला तेजी से दो पार्टियों के बीच सीधे मुकाबले में बदलता जा रहा है. ये इशारा है Zee उत्तर प्रदेश- उत्तराखंड पर पिछले दो दिन से पेश किए जा रहे, देश के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े सर्वे के नतीजों का. वह सर्वे जिसके तहत उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों की एक-एक सीट पर जीत-हार का आंकड़ा पेश किया जा रहा है. 20 जनवरी को Zee उत्तर प्रदेश- उत्तराखंड ने पश्चिमी क्षेत्र का ओपनियन पोल पेश किया जिसमें BJP और SP के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. देश के इतिहास के सबसे बड़े सर्वे के मुताबिक दोनों ही पार्टियां 33 से 37 सीटें पा सकती हैं, इसी तरह से Zee उत्तर प्रदेश- उत्तराखंड पर 21 जनवरी को प्रसारित मध्य क्षेत्र के नतीजों के मुताबिक BJP के खाते में 47 से 49 सीट जबकि SP के खाते में 16 से 20 सीटें आ सकती हैं.
उत्तर प्रदेश में दो तरफा होता जा रहा है मुक़ाबला
Zee Media के 'महा ओपिनियन पोल' के इन नतीजों के आने के बाद देश के बड़े चुनावी पंडितों और सियासी विश्लेषकों का भी मानना है कि चुनाव के बाद नतीजे कमोबेश ऐसे ही आ सकते हैं. बड़ी बात यह है कि सर्वे के नतीजों से साफ होता जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में BJP और SP के बीच ही सीधा मुकाबला है, बाकी पार्टियां इस मुकाबले में भागीदार बन कर रह जाएंगी. लिहाजा, अब सभी को Zee उत्तर प्रदेश- उत्तराखंड पर 22 जनवरी को प्रसारित होने वाले ओपिनियन पोल के तीसरे संस्करण का इंतजार है जिसमें आज रुहेलखंड और बुंदेलखंड क्षेत्र में हुए सर्वे के नतीजों को दिखाया जाएगा.
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इतिहास का सबसे बड़ा सर्वे: किसने और कहां ?
चुनावी पंडितों और सियासी विश्लेषकों का मानना है कि हर सीट पर सर्वे कराने की वजह से ही Zee Media का 'महा ओपिनियन पोल' इतने सटीक नतीजे पेश कर पा रहा है. दरअसल, साल 2022 में देश के 5 बड़े राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ज़ी मीडिया ने देश के चुनावी इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा सर्वे किया है. यह चुनाव उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में होने जा रहे हैं. इन सभी राज्यों में संभावित नतीजों पर यह महा ओपिनियन पोल Zee Media के दर्शकों के सामने पेश किया जा रहा है. Zee Media ने यह प्री-पोल सर्वे DesignBoxed नाम की एक बड़ी सर्वे एजेंसी के साथ मिलकर किया है. इसे हम 'महा ओपिनियन पोल' क्यों बुला रहे हैं, इसकी पीछे कई बड़ी वजहें हैं.
इतिहास का सबसे बड़ा सर्वे : कैसे और कब ?
सबसे बड़ी वजह इस प्री-पोल सर्वे का सैंपल साइज है जो इसे ''देश का सबसे बड़ा ओपिनियन पोल" बनाता है. अमूमन दूसरी सर्वे एजेंसियां और मीडिया आउटलेट्स 40-50 हजार का सैम्पल साइज रखते हैं. लेकिन Zee Media-DesignBoxed के सर्वे का सैम्पल साइज 11 लाख का है. यानी 11 लाख लोगों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर इस ओपीनियन पोल को डिज़ाइन किया गया है. इतने बड़े पैमाने पर सर्वे करने के लिए 6 दिसंबर 2021 से 17 जनवरी 2022 तक 1600 से ज्यादा फील्ड सर्वेयर्स को इस महा-अभियान में लगाया गया जिन्होंने एक-एक विधानसभा क्षेत्र में जा कर, मतदाताओं के साथ आमने-सामने बैठ कर उनके अभिमत को जाना और रिकॉर्ड किया. सर्वे के आंकड़ों में कोई गलती न हो इसके लिए 'जांच और सुधार' की कई तरह की आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया.
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सबसे बड़ा सैंपल साइज : क्यों ?
दूसरी बड़ी वजह है ओपिनियन पोल से पहले ग्रैंड कैम्पेन चलाकर लोगों से राय शुमारी करना. इस ओपिनियन पोल को रिलीज करने से पहले Zee Media ने पांचों चुनावी राज्यों में कैंपेन चलाया था, जिसके तहत इन राज्यों के मुख्य शहरों और कस्बों में पोस्टर और बैनर लगाकर जनता से एक सवाल किया था- ओपिनियन पोल गलत क्यों होते हैं? इस सवाल पर हमने जनता की राय मांगी थी. हमने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी लोगों की राय जानने की कोशिश की. जनता ने बड़े स्तर पर जवाब दिया. ज्यादातर लोगों का मानना था कि केवल कुछ लोगों से बातचीत कर लेने से पूरे प्रदेश का हाल नहीं जाना जा सकता. लोगों का कहना था कि ओपिनियन पोल्स का सैंपल साइज बहुत छोटा होता है, करोड़ों की आबादी में चंद लोगों से सवाल और उनके जवाब को जनता की राय बता देना सही नहीं है. जनता की इस राय को Zee Media ने गंभीरता से लिया और अपने ओपिनियन पोल के में ज्यादा से ज्यादा लोगों की राय शामिल करने का प्रयास किया. इसलिए हमारा सैम्पल साइज 11 लाख का है.
इस प्री-पोल सर्वे को ''देश का सबसे बड़ा ओपिनियन पोल" कहने के पीछे तीसरा बड़ा कारण यह रहा कि Zee Media ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोगों से यह सवाल पूछा कि आखिरकार ओपिनियन पोल फेल क्यों होते हैं? इसपर जब ज्यादातर जनता से जवाब मिला कि ओपिनियन पोल फेल होने की वजह सैंपल साइज का छोटा होना भी होता है, तो ज़ी मीडिया ने इसे गंभीरता से लिया. इसलिए देश के सबसे बड़े ओपिनियन पोल में हमने सैंपल साइज 11 लाख रखा.
चौथा यह कि Zee Media ने अपने प्री-पोल सर्वे में पांचों चुनावी राज्यों की हर विधानसभा सीट को माइक्रो लेवल पर कवर करने की कोशिश की. मसलन उत्तर प्रदेश में हमने पश्चिमी यूपी और मध्य यूपी की सभी सीटों का सर्वे ब्रॉडकास्ट कर दिया है और आगामी दिनों में पूर्वांचल, अवध, बुंदेलखंड और रुहेलखंड की सभी सीटों का सर्वे ब्रॉडकास्ट करने वाले हैं. इसी तरह पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर की सभी सीटों का प्री-पोल सर्वे Zee Media पर पब्लिक देख सकेगी. हमारे रिपोर्टर्स ने गांव-गांव जाकर लोगों से उनका ओपिनियन पता किया और फिर सभी डेटा को इकट्ठा कर एक व्यापक ओपिनियन पोल जनता के सामने पेश किया गया.
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