उत्तराखंड हाईकोर्ट ने क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली पर लगाई फटकार, 23 जून तक रिपोर्ट मांगी
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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली पर लगाई फटकार, 23 जून तक रिपोर्ट मांगी

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस से सम्बंधित कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुये क्वारंटाइन सेंटर्स की अव्यवस्थाओं पर अंसतोष जाहिर किया है.

उत्तराखंड हाईकोर्ट (File Photo)

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस से सम्बंधित कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुये क्वारंटाइन सेंटर्स की अव्यवस्थाओं पर अंसतोष जाहिर किया है. इन याचिकाओं के संदर्भ में आपदा प्रबंधन सचिव ने कोर्ट को जो जवाब दिया है, उस पर भी हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं है और क्वारंटाइन सेंटर्स की स्थिति में तुरंत सुधार कर कार्यवाही रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं. 

क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली पर लगाई गईं याचिकाएं 
उत्तराखंड में ख़ास तौर पर ग्रामीण इलाकों में मौजूद क्वारंटाइन सेंटर्स की स्थिति को लेकर सच्चिदानंद डबराल, दुष्यंत मैनाली, डीके जोशी और अन्य लोगों की ओर से जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं. इस पर सुनवाई करते हुए खण्डपीठ ने स्वास्थ्य सचिव से ग्रामीण क्षेत्रों के क्वारन्टीन सेंटर्स की स्थिति में तुरंत सुधार कर कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा था. कोर्ट के सामने ये रिपोर्ट आज तक पेश न होने को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की.  

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आपदा प्रबंधन सचिव की रिपोर्ट पर संतुष्ट नहीं कोर्ट
मामले में आपदा प्रबंधन सचिव ने भी कोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश की. कोर्ट का कहना है कि ये रिपोर्ट बिना तत्थों की है. इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए सचिव स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन को 23 जून तक प्रगति रिपोर्ट पेश करने का वक्त दिया है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ में हुई.

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