हरिद्वार: यूपी के हरिद्वार हेट स्पीच मामले (Haridwar Hate Speech Case) में दूसरी गिरफ्तारी हो गई है. नगर कोतवाली पुलिस ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद  महाराज को गिरफ्तार किया है. इससे पहले वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. यति नरसिंहानंद वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर घाट पर अनशन कर रहे थे. इसी मामले में कल संतों द्वारा सर्वानंद घाट पर प्रतिकार सभा का आयोजन बुलाया था.


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हरिद्वार में पिछले दिनों हुई धर्म संसद में धर्मविशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. इसे लेकर काफी विवाद मचा हुआ. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हेट स्पीच को लेकर कार्रवाई करने की गुहार लगाई गई थी. सिविल सोसायटी संगठन और कई अन्य हस्तियों ने भी पीएम मोदी और भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था.


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सर्वानंद घाट पर अनशन
वसीम रिजवी (Waseem rizvi) की गिरफ्तारी के बाद यति नरसिंहानंद (yeti narasimhananda) ने कहा था कि जब तक जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को छोड़ा नहीं जाएगा, तब तक वह जल अन्न कुछ भी ग्रहण नहीं करेंगे. उन्होंने कहा था कि अनशन पर बैठे रहेंगे. हरिद्वार में पिछले दिनों हुए धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में यति के खिलाफ भी शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था.


10 से ज्यादा लोगों के नाम दर्ज
हरिद्वार में हेट स्पीच केस में दर्ज प्राथमिकी में 10 से ज्यादा लोगों के नाम हैं. इनमें नरसिंहानद, जितेंद्र त्यागी और अन्नपूर्णा शामिल हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड सरकार को कार्रवाई के बारे में 10 दिनों के अंदर एफिडेविट दाखिल करने को कहा था.  सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तारियां शुरू की. वहीं गिरफ्तारी को लेकर यति नरसिंहानंद ने पुलिस अधिकारियों को धमकी तक दी थीं. यति नरसिंहानंद ने कहा था कि तुम सब मरोगे.


धर्म संसद में दिए गए नफरती भाषण 
बता दें कि रिजवी ने कुछ दिन पहले ही धर्म परिवर्तन किया है. इससे पहले वे उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं. बता दें कि हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हिन्दु साधुओं और अन्य नेताओं ने कथित तौर पर धर्म विशेष के खिलाफ हथियार उठाने और उनका कत्लेआम करने का आह्वान किया था. धर्म संसद में कई वक्ताओं ने नफरती भाषण दिए थे. जिसको लेकर लोगों के बीच काफी गुस्सा था और सोशल मीडिया पर इसकी खूब आलोचना की गई. जिसके बाद हरिद्वार पुलिस ने केस दर्ज किया था.


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