उत्तराखंड में होम स्टे योजना से युवाओं को मिल रहा रोजगार, बनी आजीविका का आधार
जिले में मौजूदा समय में 464 होम स्टे संचालित हो रहे हैं, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सोबत राणा के अनुसार लोगों को होम स्टे के लिए बैंक से ऋण उपलब्ध कराया गया है. कैंप और बहुउद्देश्यीय शिविरों के माध्यम से लोगों को होम स्टे संचालन के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है और इस वर्ष 29 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं.
पुष्कर चौधरी/चमोली: चमोली जिले में होम स्टे योजना खूब फल फूल रही है. पर्यटक भी बड़े होटलों के बजाय होम स्टे का रुख कर रहे हैं. पर्यटक होम स्टे संचालकों से पहाड़ी व्यंजन की डिमांड की जाती है, जिसमें संचालकों द्वारा दाल का चैंसा, गहत की दाल, मंडुवे की रोटी, व लोकल ताजी सब्ज़ियां दी जाती हैं.
जिले में मौजूदा समय में 464 होम स्टे संचालित हो रहे हैं, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सोबत राणा के अनुसार लोगों को होम स्टे के लिए बैंक से ऋण उपलब्ध कराया गया है. कैंप और बहुउद्देश्यीय शिविरों के माध्यम से लोगों को होम स्टे संचालन के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है और इस वर्ष 29 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं.
पर्यटन अधिकारी सोबत राणा ने बताया कि पलायन रोकने और स्वरोजगार व पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से होम स्टे योजना संचालित की गई है. पर्यटन विभाग की ओर से दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में 50प्रतिशत सब्सिडी मिलती है. जिसमें पढ़ा लिखा युवा इस स्वरोज़गार की ओर बढ़चढ़ कर भाग ले रहा है. चमोली के मंडल कोटेश्वर गांव में पूनम हाने ने भी हिमालयन सिट्रस होम स्टे बनाया है जो पहाड़ी शैली में बना हुआ है.
जिसको पर्यटक खूब पसंद कर रहे हैं. इसका बीटेक किया हुआ युवा अंकित द्वारा संचालन किया जा रहा है. अंकित कहते हैं कि होम स्टे अच्छा चल रहा है और उनके यहां गेस्ट भारत के अलावा विदेशों से भी टुरिस्ट हमारे यहां आते हैं और पर्यटक होम स्टे में रहना पसंद कर रहे हैं और पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद लेते हैं, साथ ही यहां वर्षभर देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं.
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