NTPC Tapovan hydropower project on Joshimath sinking : एनटीपीसी की तपोवन जल विद्युत परियोजना के लिए बनाई जा रही सुरंग को उत्तराखंड के जोशीमठ कस्बे के लगातार धंसकने की वजह बताने पर केंद्र सरकार ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एक ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की है, इसमें जोशीमठ के लगातार नीचे धंसने की वजहों पर अपनी बात रखी है. सूत्रों का कहना है कि पर्यावरणविदों और भूगर्भविज्ञानियों ने नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के 520 मेगावॉट की तपोवन विष्णुगाड हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट (Tapovan Vishnugad hydropower project) को लेकर तमाम आऱोपों को खारिज किया है. उत्तराखंड सरकार को लिखे पत्र के ड्राफ्ट से ये बातें सामने आई हैं.


जमीन धंसकने की वजह कुछ औऱ


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इस पत्र में ऊर्जा मंत्रालययानी बिजली मंत्रालय (Power Ministry) ने कहा है कि यह सुरंग कस्बे से होकर नहीं गुजरती. पहाड़ों में प्राकृतिक जल निकासी, भारी वर्षा, समय-समय पर आने वाले भूकंप और बढ़ी हुई निर्माण गतिविधियों के कारण ऊपर की सतह में रिसाव हुआ है और इस कारण ये भू धंसाव सामने आ रहा है. सूत्रों का कहना है कि ये पत्र पहले गृह मंत्रालय के साथ साझा किया गया है और फिर इसे उत्तराखंड सरकार को भेजा जाएगा.


टनल बोरिंग मशीन से हो रही


ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, ये सुरंग जोशीमठ कस्बे की बाहरी दीवार से करीब 1.1 किलोमीटर क्षैतिज दूरी पर स्थित है. यह भूतल से नीचे करीब 1 किलोमीटर नीचे ऊर्ध्वाधर यानी वर्टिकली निर्मित हो रही है. इसमें कहा गया है कि टनल बोरिंग मशीन के जरिये ये सुरंग बनाई जा रही है और इससे आसपास की चट्टानों को नुकसान पहुंचने का कोई खतरा नहीं है.


जोशीमठ संकट काफी पुराना
पत्र में यह भी कहा गया है कि जोशीमठ के धंसकने का मामला पुराना मुद्दा है. एक किलोमीटर की गहराई में चट्टानों के बीच सुरंग के निर्माण से ऊपरी सतह को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं होता है. इससे जीव, वनस्पति को कोई खतरा नहीं है. टनल एलाइनमेंट के आसपास की सतह में किसी भी प्रकार जमीन का कोई धंसाव नहीं है.  


ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर भी सवाल
उल्लेखनीय है कि जोशीमठ के स्थानीय निवासी सुरंग के लिए लगातार हो रहे खुदाई कार्य को इस तबाही के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं.ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर भी सवाल उठाए गए हैं.पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों के सहयोग से यह रिपोर्ट तैयार की गई है. इसमें जोशीमठ मामले का एनटीपीसी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से कोई संबंध होने से इनकार किया गया है. 


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