बद्रीनाथ देवस्थानम बोर्ड को भंग कराने की मांग तेज होती जा रही है. देहरादून में तीर्थ पुरोहितों ने काला दिवस मनाया परेड ग्राउंड से लेकर सचिवालय तक पहुंच किया. देवस्थानम बोर्ड पर हो रही सियासत को लेकर पेश है एक खास रिपोर्ट...
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देहरादूनः 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा सभी मुद्दों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. राजधानी देहरादून में देवस्थानम बोर्ड को भंग कराने की मांग तेज होती जा रही है.
आपको बता दें कि दिसंबर 2019 में भाजपा सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था. जिसमें 51 मंदिरों को शामिल किया गया है, तब से लगातार तीर्थ पुरोहित धरना प्रदर्शन कर रहे है और अपना विरोध जता रहे हैं. आज राजधानी देहरादून में तीर्थ पुरोहितों ने परेड ग्राउंड से लेकर सचिवालय के लिए कूच किया. लेकिन पुलिस प्रशासन ने पुलिस मुख्यालय के पहले ही बैरिकेट्स लगाकर उन्हें रोक दिया. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार उन्हें काफी समय से तारीख पर तारीख, कमेटी पर कमेटी दे रही है. लेकिन, देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं कर रही है.
देवस्थानम बोर्ड के भंग न होने तक आंदोलन जारी रहेगा
पुरोहितों का कहना है कि जब तक देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया जाएगा तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. आपको बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस आम आदमी पार्टी और सपा जैसे राजनीतिक दल भी तीर्थ पुरोहितों का समर्थन कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहित का कहना है कि सरकार को तत्काल देवस्थानम बोर्ड को भंग कर देना चाहिए.
बीजेपी विधायक महेंद्र भट्ट ने विपक्ष से मांगा जवाब
तीर्थ पुरोहितों के सचिवालय कूच में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम प्रीतम सिंह भी पहुंचे. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी समर्थन देने के लिए खड़े नजर आए. लेकिन सबसे बड़ा बयान बद्रीनाथ के भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट ने दिया है उनका कहना है कि विपक्ष को यह भी बताना चाहिए कि आखिर देवस्थानम बोर्ड में कमी क्या है ? उनका कहना है कि सदन में विपक्ष को देवस्थानम बोर्ड की कमियों को बताना होगा विधानसभा में बना हुआ कानून है इसको इस तरह से निरस्त नहीं किया जा सकता हैं.
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने किया पलटवार
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट के बयान पर बड़ा हमला बोला है. उनका कहना है कि महेंद्र भट्ट को यह बताना चाहिए कि आखिर अगर देवस्थानम बोर्ड में सब कुछ सही है तो कमेटी का गठन क्यों किया गया. सरकार को तत्काल कमेटी भंग करके बोर्ड को यथावत ही रखना चाहिए. उन्होंने बीजेपी विधायक पर पलटवार करते हुए कहा कि महेंद्र भट्ट यह तो बताए कि अगर देवस्थानम बोर्ड सही है, तो तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड का विरोध क्यों कर रहे हैं?
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आप ने भी किया पुरोहितों का समर्थन
वहीं आम आदमी पार्टी ने भी देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का समर्थन किया है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली का कहना है कि जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हो रहा है. ऐसे में सरकार को तत्काल देवस्थानम बोर्ड को भंग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आप भी देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग करती है.
30 नवंबर को बड़ा फैसला हो सकता है
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार गंभीर है. 30 नवंबर को बड़ा फैसला हो सकता है. अभी तक देवस्थानम बोर्ड को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट को स्टडी करने के लिए एक और कमेटी बनाई जा रही है, 2 दिन में वह कमेटी रिपोर्ट की स्टडी करेगी. इसके बाद सरकार कोई बड़ा फैसला कर सकती है.
2022 के विधानसभा चुनाव के पहले देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा सभी मुद्दों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है विपक्षी दल भी तीर्थ पुरोहितों के विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दे रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि यह मुद्दा चुनावी मुद्दा ना बने उसको लेकर भाजपा सरकार क्या कदम उठाती है.
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