ऋषिकेश : उत्तराखंड स्थित ऋषिकेश में एक घाट है पूर्णानंद जिसकी खास बात ये है कि यहां पर महिलाओं के द्वारा गंगा आरती (Women ganga aarti) की जाती हैं. इस अद्वितीय कदम को साल 2022 में उठाया गया था. तब से लेकर आज तक महिलाएं समान रूप से गंगा आरती करती हैं. ठीक वैसे ही जैसे अन्य घाट पर पुरुषों के द्वारा मां गंगे की आरती की जाती है. 


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 प्रसिद्ध धार्मिक स्थल


ऋषिकेश एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं के लिए यहां का गंगा आरती आकर्षण का केंद्र रहा है. यहां के पूर्णानंद घाट पर महिलाओं के द्वारा गंगा आरती की जाती है. शाम को होने वाली यह आरती आध्यात्मिक और धार्मिक माहौल को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. आरती के दौरान प्रार्थना, भजन इत्यादी किया जाता है. 


योग और अध्यात्म का केंद्र 
ऋषिकेश भारत में योग और अध्यात्म का केंद्र रहा है. यहां शांति, ध्यान, और आत्म-विकास पर जोर दिया जाता है. वहीं, दूसरी तरफ पूर्णानंद घाट पर महिलाओं के द्वारा गंगा आरती किया जाना धर्म, संस्कृति और व्यक्तिगत विकास के महत्व को बताता है. इस आरती का आयोजन ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट की ओर से करवाया जाता है. आरती करने वाली महिलाओं को गंग सबला नाम दिया गया है। महिलाओं के द्वारा गंगा आरती करने की प्रक्रिया मकर संक्रांति के पावन पर्व से शुरू किया गया था.


महिलाओं के स्वाभिमान का प्रतीक 
यह गंगा आरती अन्य महिलाओं के लिए एक आदर्श स्थापित करती है. यह आरती महिलाओं के स्वाभिमान का प्रतिनिधित्व भी करती है.  समाज में महिला स्वावलंबन के साथ ही उनके नेतृत्व को भी दिखाती है. खास बात ये है कि देश और विदेश से यहां पर पर्यटक पहुंचते हैं और गंगा आरती के दर्शन अवश्य करते हैं. 


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