वाराणसी: सावन में जहां लोग दूर-दूर से महादेव के दर्शन के लिए अलग-अलग मंदिर जा रहे हैं वहीं काशी विश्वनाथ धाम परिसर के प्रवेश द्वार के पास लगाए जा रहे नए गेट को लेकर बैठक हो रही है. दरअसल, रविवार की रात को मुफ्ती-ए-शहर मौलाना बातिन नोमानी के घर पर इस बात को लेकर बैठक हुई. इसमें ज्ञानवापी के पास लगाए जा रहे नए गेट और उसकी सुरक्षा को लेकर चार प्रस्ताव पारित किए गए.


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गेट फ्रेम हटाने का फैसला
गेट फ्रेम हटाने के लिए राजनीतिक और कानूनी कार्रवाई का फैसला लिया गया है. साथ ही, वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य नेताओं को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप की मांग की जाएगी.


वकीलों के साथ बातचीत
वहीं जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन से गेट को नहीं लगाने की मांग की जाएगी. इसके साथ ही गेट पर खंभों को जल्द से जल्द हटाने की मांग की गई है. वकीलों की मदद से कानूनी कार्रवाई भी की गई. वकीलों के साथ हुई बातचीत में कहा जा रहा है कि मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन गेट लगाकर मस्जिद में नमाजियों की संख्या को नियंत्रित करने का प्रयास कर सकते हैं .


मस्जिद के रास्ते में गेट नहीं लगाया जाएगा
इस बैठक में यह भी कहा गया है कि काशी विश्वनाथ धाम मस्जिद की अधिकांश जगह उपयोग करता है. इन तमाम संपत्तियों के कागजातों को इकट्ठा करके सारी संपत्तियों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया गया. मौलाना बातिन नोमानी ने बताया कि प्रशासन ने कहा है  मस्जिद के रास्ते में गेट नहीं लगाया जाएगा, लेकिन हमें उन पर भरोसा नहीं है. ऐसा कोई प्रयास हुआ तो शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करेंगे और कानून के दायरे में रहेंगे.


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