Jaunpur News: जौनपुर में एसटीएफ और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें बिहार से एक लाख का इनामी सुमित सिंह उर्फ मोनू चवन्नी ढेर हो गया. उस पर रंगदारी समेत बहुत से मामले दर्ज थे.
Trending Photos
अजीत सिंह/जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एसटीएफ और बदमाशों के बीच मुठभेड़ में बिहार का सुमित सिंह उर्फ मोनू चवन्नी ढेर हो गया है. मोनू चवन्नी पर एक लाख का इनाम घोषित था. मुठभेड़ में मारे गए बदमाश मोनू से एसटीएफ को एक एके-47, एक 9-एमएम पिस्टल, बोलेरो जीप और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं.
ये रहा पूरा घटनाक्रम
मिले सुराग पर एसटीएफ, बदलापुर थाना व स्वाट की संयुक्त टीम वाराणसी लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बदलापुर के सरोखनपुर में मुस्तैदी से संदिग्ध वाहनों व व्यक्तियों की चेकिंग में जुट गई. इसी दौरान आई तेज रफ्तार बोलेरो को रुकने का प्रयास किया गया. उस पर सवार बदमाश पुलिस टीम पर गोलियां चलाते हुए शाहगंज मार्ग पर भागने लगे. पुलिस टीम ने पीछा कर लिया. करीब चार किलोमीटर दूर शाहपुर में पीली नदी पुल से बदमाशों ने बोलेरो दुगौली खुर्द की तरफ मोड़ दिया. शाहपुर में ही गोशाला के पास बोलेरो मिट्टी में फंस गई. घिर जाने पर बदमाश बोलेरो से उतरकर पुलिस टीम पर फायरिंग करते हुए भागने लगे. पुलिस की जवाबी फायरिंग में एक बदमाश सिर में गोली लगने से धराशायी हो गया. उसके साथी भागने में सफल हो गए. मौके पर पुलिस को एके-47 राइफल, नाइन एमएम की पिस्टल, खोखे व कारतूस मिले हैं. पुलिस घायल बदमाश को जिला अस्पताल ले गई जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस शिनाख्त के बाद कुख्यात सुमित कुमार सिंह उर्फ मोनू चवन्नी का आपराधिक इतिहास जुटा रही है.
इस सम्बंध में एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि जनपद जौनपुर अंतर्गत थाना सिंगरामऊ में 5 मार्च को सुमित कुमार उर्फ मोनू चवन्नी के द्वारा अपने साथी के साथ मिलकर फायरिंग कर रंगदारी मांगने की घटना कारित की गई थी, इसके बाद पुलिस द्वारा इन अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु दबिश दी जा रही थी. सुमित कुमार के ऊपर एक लाख का इनाम घोषित था व इसके ऊपर लगभग 24 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें कई मुकदमे हत्याओं के हैं जो जनपद गाजीपुर, बलिया, जौनपुर व बिहार राज्य में कई मुकदमे पंजीकृत है. सुमित उर्फ मोनू चवन्नी की तलाश हेतु एसटीएफ व जौनपुर पुलिस की संयुक्त टीम लगी हुई थी. आज उसे जैसे ही पीली नदी बदलापुर के पास पुलिस टीम द्वारा को रोकने का प्रयास किया गया उसके द्वारा पुलिस पार्टी पर फायर किया गया. आत्मरक्षार्थ पुलिस द्वारा किए गए फायर में मोनू चवन्नी को गोली लगी, जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाएगा, मोनू चवन्नी इस पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है, उसके पास एक एके-47, 9 एमएम पिस्टल व एक बोलेरो गाड़ी बरामद हुई है.
कैसे रखा अपराध की दुनिया में कदम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोनू चवन्नी ने बीएम में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और अपराध जगत की दुनिया में कदम रख दिया. शुरू में छोटी-मोटी वारदातों में शामिल रहा और कुछ के बाद उसने अपना गिरोह बना लिया. वह भाड़े पर हत्या करने लगा. अपना खौफ कायम करने के बाद वह व्यापारियों को धमकाकर रंगदारी वसूलने लगा था. ऐसा भी जानकारी है कि उसका लिंक सिवान के माफिया पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से भी था. मोनू चवन्नी पर यूपी और बिहार के कई व्यापारियों को रंगदारी वसूलने का आरोप था. उस पर पुलिस ने 1 लाख का इनाम घोषित कर रखा था.
तीन दर्जन मुकदमे दर्ज
सुमित उर्फ मोनू मऊ का रहने वाला था जो फिलहाल बिहार में रह रहा था. वह वहां शहाबुद्दीन के गैंग के लिए काम करता था. उस पर यूपी-बिहार में कुल तीन दर्जन मुकदमे दर्ज थे. इनमें से करीब 10 केस तो हत्या के थे. सुमित सिंह उर्फ मोनू चवन्नी जौनपुर और मऊ में भी हत्याओं को अंजाम दे चुका था. बता दें कि बिहार के सिवान जिले में 23 नवंबर 2014 को भाजपा सांसद के प्रतिनिधि और सर्राफ श्रीकांत भारती की हत्या में भी उसकी का नाम आया था. मोनू सुपारी किलर की तरह काम कर रहा था. साल 2014 में ही उसने बलिया में एक कारोबारी और उसके बेटे की गोली मारकर हत्या की थी.