वाराणसी: सांस नली में फंसी चवन्नी के चलते 40 साल का शख्स 8 साल से परेशान था. उसका इलाज बीएचयू के डॉक्टरों ने महज 20 मिनट में ऑपरेशन के  जरिए कर दिया. सिक्का फंसा होने के चलते युवक की मौत भी हो सकती थी, साथ ही सांस लेने में दिक्कत या निमोनिया भी हो सकती थी. सिक्का निकलने के बाद मरीज को राहत मिली है. बताया जा रहा है कि बुधवार को अस्पताल से उसकी छुट्टी कर दी जाएगी. 


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ऑपेशन कर डॉक्टर्स ने सिक्के को निकाला
बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में युवक का डॉक्टर्स ने ऑपरेशन किया. कार्डियो थोरेसिक सर्जन और एनेस्थेसियोलाजिस्ट की टीम ने एडवांस्ड रिगीद ब्रांकोस्कोप तकनीक का उपयोग कर युवक की श्वास नली में अटके सिक्के को बाहर निकाला. डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह के केस में खासी सावधानी बरतनी पड़ती है. जरा सी लापरवाही से युवक की जान जोखिम में पड़ सकती है. अगर कोई मुंह में किसी चीज को रखकर सो जाता है या नशे में होता है तो सांस की नली में वाह्य वस्तु के जाने की संभावना बढ़ जाती है. 


केवल बीएचयू में इलाज संभव 
बताया जाता है कि वयस्कों की सांस नली से किसी चीज को निकालने की यह एडवांस्ड रिगीद ब्रोंकोस्कोप तकनीक केवल पूर्वी यूपी के सरकारी अस्पतालों में केवल आइएमएस, बीएचयू में ही उपलब्ध है. लेकिन युवक के श्वास नली में सिक्का फंसने के मामले से डॉक्टर्स भी हैरान रह गए. दरअसल वयस्कों में कफ रिफ्लेक्स होने की वजह से कोई भी चीज श्वास नली या फेफड़ों तक हवा पहुंचाने वाली मुख्य नली में आसानी से नहीं जा सकती. हालांकि ऐसा होना बच्चों में सामान्य माना जाता है.


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