Mukhtar Ansari: कौन थे कपिल देव सिंह, जिनकी हत्या में माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा हुई
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Mukhtar Ansari: कौन थे कपिल देव सिंह, जिनकी हत्या में माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा हुई

Mukhtar Ansari: एमपी- एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान कर दिया है. माफिया को 10 साल की सजा औऱ 5 लाख का जुर्माना लगा है. जानें और क्या कहा कोर्ट ने और क्या है यह पूरा मामला...

 

Mukhtar Ansari File Photo

Varanasi News: माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में MP-MLA कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में मुख्तार के सहयोगी सोनू यादव को भी 5 साल की सजा मिली है. सोनू पर कोर्ट ने 2 लाख का जुर्माना लगाया है. इस मामले में मुख्ताक अंसारी के वकील ने कहा कि ये केस मेंटेनेबल नहीं है, हम कोर्ट से अपील करेंगे कि हमें वहां न्याय दिया जाए.

खबर विस्तार से
अपर सत्र न्यायाधीश MP-MLA कोर्ट ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और उनके करीबी भीम सिंह को 1996 के गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमें दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है. इस केस का फैसला 26 सालों को बाद आया है. इस केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह पेश किए गए. इस फैसले को आने में 51 तारीखों का इंतजार करना पड़ा. कोर्ट ने दोनों पर 5-5 लाख ता जुर्माना भी लगाया है. इस केस में मुख्तार अंसारी को वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से पेश किया गया. केस का फैसला आने के बाद भीम सिंह को पुलिस सुरक्षा में जेल भेजा गया. 

बहुचर्चित कपिलदेव हत्याकांड
बहुचर्चित कपिलदेव हत्याकांड 2009 में हुआ था. इस हत्याकांड के लिए मुख्तार अंसारी पर साल 2010 में गैंगस्टर ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले के मूल केस से मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया गया है. 27 अक्टूबर को आया फैसला गैंगस्टर ऐक्ट से जुड़े होने से संबंधित है. कपिलदेव सिंह करंडा थाना क्षेत्र सुआपुर गांव के रहने वाले थे. कपिलदेव शिक्षक थे. कपिलदेव सरल स्वभाव और लोगों की मदद में हमेशा आगे रहते थे इसलिए वो लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध थे. सेवानिवृत्त होने के बाद कपिलदेव अपने गांव में ही रहते थे. साल 2009 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुवापुर गांव में एक आपराधिक छवि के व्यक्ति के घर पर कुर्की हुई. इस कार्यवाही के दौरान पुलिस ने घर में मौजूद सामानों की लिस्ट बनाने के लिए कपिलदेव सिंह को बुलाया. पुलिस के कहने पर ही उन्होंने सामान की लिस्ट बनाई थी. 

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उस अपराधी को लगा कि कपिलदेव सिंह ने पुलिस से उसकी मुखबिरी की है. इन्हीं वजहों से उनकी हत्या की गई.  मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली का कहना है कि जब कपिलदेव सिंह की हत्या हुई उस समय मुख्तार अंसारी जेल में बंद थे. इस हत्या मामले में विवेचना अधिकारी ने विवेचना के दौरान FIR में मुख्तार अंसारी का नाम जोड़ा था. मुख्तार अंसारी इस हत्या केस से पहले ही बरी हो गए हैं. अब इस हत्याकांड और मीर हसन के हत्या के प्रयास के मामले को जोड़ते हुए मुख्तार पर चल रहे गैंगस्टर ऐक्ट के मामले में 27 अक्टूबर को फैसला आ गया है. इस मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार अंसारी पर केस बना हुआ है. 

WATCH: कपिल देव सिंह हत्याकांड में सजा का ऐलान, मुख्तार अंसारी को 10 साल कारावास और 5 लाख का जुर्माना

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