PM मोदी ने की 'वाराणसी मॉडल' की तारीफ, DM ने बताया कैसे जिले में काबू हुआ कोरोना
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PM मोदी ने की 'वाराणसी मॉडल' की तारीफ, DM ने बताया कैसे जिले में काबू हुआ कोरोना

 इस समय वाराणसी में 4935 एक्टिव केस हैं. 

डीएम कौशल राज शर्मा और पीएम नरेंद्र मोदी

वाराणसी: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज यानी 20 मई को 10 राज्यों के 54 जिलों के जिलाधिकारियों (DM) के साथ वर्चुअल बैठक की. इस दौरान जिलों में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और नियंत्रण पर चर्चा हुई. जिला कलेक्टरों से बातचीत में पीएम मोदी ने 'वाराणसी मॉडल' की तारीफ की. 

एक न्यूज चैनल से बातचीत में वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा (DM Kaushal Raj Sharma) ने बताया कि पीएम के संसदीय क्षेत्र में किन तरीकों को अपनाकर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर काबू पाया गया. कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी में आंकड़े 10 गुना बढ़कर पीक पर पहुंच गए थे. 23 अप्रैल आते-आते ये आंकड़ा 2700 प्रतिदिन पहुंच गया. अचानक से कोविड की सेकेंड वेव शुरू हुई और अपने पीक पर पहुंची. 

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पॉजिटिविटी रेट 4 % से भी कम 
जिलाधिकारी ने बताया कि इस दौरान दूसरी चुनौती पेशेंट्स के लिए ऑक्सीजन को लेकर थी. उन्होंने बताया कि पहली वेव में जहां केवल 10 प्रतिशत लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती थी, वो बढ़कर 99 प्रतिशत हो गई. हालांकि, अब वाराणसी में कोरोना का संक्रमण लगातार कम हो रहा है. एक दिन में मरीजों की संख्या 300 से कम हो गई है. जहां पॉजिटिविटी रेट 40.2 % पहुंच गई थी, वो 4 % से भी नीचे आ गई है. 

मुख्यमंत्री का मिलता रहा गाइडेंस 
डीएम ने बताया कि हम लोगों ने पिछले साल से ही तैयारी शुरू कर दी थी. लेकिन सेकेंड वेव इतनी जल्दी कैच करेगी इसका अनुमान लगाना मुश्किल था. सीएम का गाइडेंस लगातार बना रहा. उन्होंने कहा कि पिछले साल जब पहला केस सामने आया था तभी से मुख्यमंत्री का गाइडेंस मिलता रहा. वहीं, दूसरी वेव में सारी सरकारी मशीनरी पहले वीक में ही एक्टिवेट हो गई थीं.

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टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीट मूलमंत्र आया काम 
उन्होंने बताया कि टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीट की व्यवस्था तत्काल लागू कर दी गई थी. साथ ही तुरंत संसाधन, व्हीकल्स और टेस्टिंग बढ़ाई गई. कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर और करीब 400 अधिकारियों व कर्मचारियों को लगाया गया. इसके अलावा जब ऑक्सीजन की रिक्वायरमेंट बढ़ी तो हमने अवेलबिलीटी भी बढ़ाई. प्राइवेट हॉस्पिटल्स को जोड़ते हुए बेड की संख्या बढाई गई. जिसके चलते अप्रैल लास्ट वीक आते-आते जितनी रिक्वायरमेंट थी, उतनी अवेलेबिलिटी मैच की गई. यही कारण है कि मई के पहले हफ्ते में ही दूसरी लहर की डिक्रीजिंग फेज आ गई. बता दें कि इस समय वाराणसी में 4935 एक्टिव केस हैं. 

एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम घटाया 
आपको बता दें कि जिले में एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम घटाकर आठ से दस मिनट कर दिया गया है. बड़े-बड़े अस्पतालों में हेल्प डेस्क बनायी गई है. इनसे जुड़े लोग एंबुलेंस से मरीज को उतारने में मदद करते हैं. साथ ही रिस्पॉन्स टाइम भी घटाने में मदद मिलती है. 

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पीएमओ लगातार रखे है नजर
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो PMO कोविड प्रबंधन पर लगातार नजर रख रहा है. इसके अलावा पूर्व नौकरशाह और पीएम मोदी के सहयोगी एके शर्मा अप्रैल से ही वाराणसी में हैं, जबसे देश में कोरोना की दूसरी लहर आई थी. 

इन राज्यों के DM से की बातचीत 
पीएम मोदी ने 10 राज्यों- छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश के डीएम और फील्ड अधिकारियों के साथ बातचीत की. 

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