वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक बार फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां धार्मिक ग्रंथ की प्रति जलाते समय धक्का-मुक्की की घटना को अंजाम दिया गया. प्रॉक्टोरियल बोर्ड व छात्रों के बीच हुई इस धक्का मुक्की हो ही रही थी कि इसी दौरान मौके पर पुलिस पहुंच गई और छात्रों को हिरासत में लिया गया. दरअसल, हुआ ये कि बीएचयू में दहन दिवस मनाया गया जिसका आयोजन भगत सिंह छात्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने किया था. इस दौरान धार्मिक ग्रंथ की प्रतियां जलाते समय ही तनाव की स्थिति बनी रही. इस दौरान करीब तीन घंटे तक प्रॉक्टोरियल बोर्ड व छात्रों के बीच तनातनी और धक्का-मुक्की बरकरार रही.


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बोर्ड के सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की
इस दौरान छात्रों ने विरोध जताते हुए धरना देना भी शुरू कर दिया जिससे तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई. तीन घंटे तक कहासुनी होती रही. छात्रों का कहना था कि वे मनुस्मृति का प्रतीकात्मक दहन कर अपने विचार व्यक्त करना चाहते हैं. दूसरी ओर, प्राक्टोरियल बोर्ड ने इस कार्य को रोकने के लिए चौराहे पर डेरा डाल दिया. इस दौरान छात्रों का एक समूह मनुस्मृति की प्रति जलाने की कोशिश की जिससे बोर्ड के सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की होने लगी. 


पुलिस कार्रवाई और छात्रों की हिरासत
स्थिति बिगड़ते देख प्राक्टोरियल बोर्ड ने देखते ही देखते पुलिस बुलाली. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कई छात्रों को हिरासत में ले लिया. बोर्ड के मुताबिक, महिला गार्ड के साथ मारपीट की गई गार्ड घायल हो गईं. दूसरी ओर, भगतसिंह छात्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें बोर्ड द्वारा जबरन हटाया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया.


छात्रों के आरोप और पुलिस का बयान
भगतसिंह छात्र मोर्चा की संयुक्त सचिव इप्शिता ने कहा कि प्राक्टोरियल बोर्ड ने उनकी प्रतीकात्मक आग बुझा दी और छात्रों को जबरन गाड़ियों में भरकर ले गए. वहीं, लंका थाने के थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा ने जानकारी दी है कि सुरक्षा अधिकारी की लिखित शिकायत पर छात्रों को हिरासत में लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है और तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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