वाराणसी: योगी सरकार ने हर सांस को सहेजने के लिए कोरोना की दूसरी लहर में वाराणसी को ऑक्सीजन से पूरी तरह लैस कर दिया है. कई सरकारी व  प्राइवेट अस्पातलों में ऑक्सीजन प्लांट लगवा दिए हैं. सिलेंडरो की संख्या व रिफलिंग में भी इजाफ़ा किया गया है. योगी सरकार ने एक महीने से भी कम रिकॉर्ड समय में वाराणसी को ऑक्सीजन से संतृप्त कर दिया है. इससे अब लोगों को अस्पतालों और घरों पर पूरी तरह से ऑक्सीजन उपलब्ध होने लगी है. मांग के मुताबिक़, अधिक ऑक्सीजन की पूर्ति से काशी  के लोगों को राहत की सांस मिलने लगी है. सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए अब ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ केंद्रों की तरफ़ तेजी से कदम बढ़ाना शुरू दिया है.


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कोरोना की दूसरी लहर में जब ऑक्सीजन की मांग बढ़ी तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ख़ुद आइसोलेशन में रहते हुए, किसी भी  जिले में प्राणवायु की कमी न हो इसके लिए कमान संभालते रहे. कुछ ही दिन में ऑक्सीजन की पूर्ति आवश्यकता से अधिक होने लगी. दूसरी लहर की शुरुआत में वाराणसी के एक भी सरकारी अस्पताल में अपना ऑक्सीजन प्लांट नहीं था. सरकार ने इन अस्पतालों में प्लांट लगाने का काम तेजी से शुरू किया. एक महीने से भी कम समय में सरकार के त्वरित निर्णय का परिणाम धरातल पर दिखने लगा. एक के बाद एक सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगने लगे. सिलेंडर की संख्या व रिफलिंग की क्षमता भी  बढ़ती चली गई.


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एक महीने से भी कम समय में लगे ऑक्सीजन प्लांट


  • दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में 610 एलएमपी का 120 बेड के लिए प्लांट शुरू हुआ. 

  • लालबहादुर शास्त्री राजकीय अस्पताल रामनगर में 120 एलएमपी का प्लांन्ट 25 बेड पर ऑक्सीजन देने लगा.

  • ईएसआईसी अस्पताल पांडेयपुर में दो प्लांट, 250 एलएमपी और 610 एलएमपी  का जिसमें एक लग चुका है, जबकि दूसरा जल्दी ही इंस्टाल होने वाला है. इससे 120 बेड पर प्राणवायु का प्रवाह होगा. यह इजराइल से आया है.

  • बरेका के केंद्रीय अस्पताल में 610 एलएमपी का ऑक्सीजन प्लांट जल्द  ही लगने  वाला है. जो अस्पताल के 120 बेड को ऑक्सीजन से संतृप्त करेगा.

  • बीएचयू और होमी भाभा कैंसर अस्पताल पहले से ही ऑक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर थे. दोनों जगहों पर लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट पहले से स्थापित हैं. 

  • डीआरडीओ द्वारा स्थापित पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल में भी लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट लगा है, जो 750 बेडो पर ऑक्सीजन दे रहा है. 


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कोविड के बाद भी मिल सकेगी राहत
योगी सरकार ने सभी सरकारी अस्पातलों में जल्दी ही ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कवायद शुरू कर दी है. ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाले उद्योगपतियों को सहूलियत दी है. कुछ उद्योगपतियों ने अपने सीएसआर फंड से भी ऑक्सीजन प्लांट लगवाया है. सूबे की योगी सरकार ने ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ केन्द्रों पर भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कवायद  शुरू कर दी है. सभी सामुदायिक केन्द्रों व स्वास्थ केन्द्रों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने की  योजना है. ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ केन्द्रों के बेडों तक ऑक्सीजन पहुंच जाने से बड़ी आबादी को कोविड के बाद भी बड़ी राहत मिलती रहेगी.


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सरकार ने एक दिन में 1900 सिलेंडर से 4300 सिलेंडर भरने की क्षमता बढ़ाई
बनारस शुरू में ऑक्सीजन के लिए चंदौली जिले पर निर्भर था. वहां 2 एलएमओ रिफिलिंग संयंत्र और दो एएसयू संयंत्र थे. जिसकी वजह से वाराणसी के अस्पतालों (बीएचयू के अलावा अन्य) को लगभग 1900 सिलेंडर (डी प्रकार) मिल रहे थे. संवेदनशील सरकार ने कोरोना मरीजों की सांस न टूटे, इसके लिए औद्योगिक ऑक्सीजन के प्लांट से रिफलिंग होने वाले सिलेंडर को कोरोना मरीजों के लिए भेजना शुरू कर दिया.  जीवन रक्षक संयंत्रों को रात-दिन चलाया गया. इसका परिणाम ये हुआ कि अब एक दिन में 4300 सिलेंडर भरे जाने लगे. और  मरीज की टूटती सांसे वापस आने लगीं. भारत सरकार और और रेलवे द्वारा चलाए जा रही ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मदद से एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) को वाराणसी तक पहुंचाया गया. सीएम योगी की सरकार ने खराब पड़े और बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को भी तुरंत शुरू करा दिया.


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गुजरात से 600 सिलेंडर खरीदे गए , 550 सिलेंडर विभिन्न उद्योगों से मिले
सरकार अस्पतालों को ही नहीं, बल्कि होम आइसोलेशन के मरीजों को भी ऑक्सीजन देने में सक्षम हुई. इसके अलावा, 200 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदे गए और अस्पतालों को दिए गए. दो खेप में गुरुवार को 458 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और पहुंचे. शुक्रवार को भी चिकित्सकीय बेड़े में 92 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और जुड़े. सरकार ने ऑक्सीजन को सही समय पर सही जगह पहुंचाने के लिए  ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाया.


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80 हजार कोरोना किट घर पहुंचाई गईं
दूसरी लहर से जनता को राहत देने लिए योगी सरकार ने तत्काल गंभीर मरीजों के लिए नए वेंटिलेटर और नए एचएफएनसी उपलब्ध कराए. अस्पतालों को नेब्युलाइज़र, रेमडेसिविर और टोसीलिज़ुमैब प्रदान किए गए जिससे गंभीर रूप से बीमारों की देखभाल करने में मदद मिली. सरकार 80000 से अधिक दवाओं की किटों को उनके घरों तक पंहुचा चुकी है. इन सभी सुविधाओं  में सरकार दिन पर दिन बढ़ोतरी करती ही जा रही है. जिससे एक भी कोरोना मरीज़ को परेशानी न हो और सभी को चिकित्सकीय सुविधा समय से मिल सके.


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