Rani Durgavati Death Anniversary: 24 जून 1564 को मुगल सेना ने एक बार फिर हमला किया. ये हमला था रानी दुर्गावती के साम्राज्य पर. इस बार रानी का पक्ष दुर्बल था इस लिए रानी ने अपने पुत्र नारायण को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया. इसी दौरान एक तीर उनकी भुजा में लगा, रानी ने उसे निकाल फेंका. दूसरे तीर ने उनकी आंख को बेध दिया, रानी ने इसे भी निकाला पर उसकी नोक आंख में ही रह गयी. तभी तीसरा तीर उनकी गर्दन में आकर धंस गया. लेकिन ये संघर्ष यहीं खत्म नहीं हुआ. अपने प्राण त्यागने से पहले रानी दुर्गावती ने कुछ ऐसा किया जिसे याद कर आज भी सबकी आंखें भर आती है. कथा कॉर्नर के आज के इस अंक में आज चर्चा इसी कहानी पर होगी..