यूपी के इस मोस्ट वॉन्टेड डॉन को ढूंढने में इंटरपोल को भी आ गए चक्कर, आज तक नहीं आया हाथ
मारपीट की छोटी-छोटी घटनाओं से बदन सिंह सुर्खियों में आता चला गया और समय के साथ ट्रक ड्राइवर की मामूली सी नौकरी करने वाला बदन सिंह कुछ ही सालों में माफियाओं की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया.
मेरठ: उत्तर प्रदेश के टॉप टेन माफियाओं में नंबर वन पर लिस्टेड बदन सिंह बद्दो के खिलाफ प्रशासन ने एक और कदम उठाया है. मेरठ विकास प्राधिकरण ने बदन सिंह बद्दो की आलीशान कोठी ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. दरअसल, 2.5 लाख का इनामी कुख्यात माफिया बदन सिंह बद्दो पुलिस के सिए बड़ा सिर दर्द बन गया है. पुलिस कस्टडी से उसके फरार होने की कहानी बड़ी ही फिल्मी है.
बताया जाता है कि मार्च 2019 में पेशी से वापस लौटते समय सभी पुलिसकर्मियों को लेकर होटल मुकुट में रुका और एक पार्टी के दौरान सबको बेहोश कर के वहां से फरार हो गया. उसे फरार हुए 2 साल होने को आ गए लेकिन पुलिस को आज तक उसका सुराग नहीं मिला. बद्दो के फरार होने की कहानी जितनी फिल्मी है, उतना ही उसके ट्रक ड्राइवर से माफिया बनने तक का सफर.
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छोटी-मोटी मारपीट से की शुरुआत
ट्रक ड्राइवर की मामूली सी नौकरी करने वाला बदन सिंह कुछ ही सालों में माफियाओं की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया. बदन सिंह के अतीत को जानने के लिए हमें 25 साल पहले जाना होगा. मेरठ के टीपी नगर का रहने वाला बदन सिंह ढाई दशक पहले पिता के साथ ट्रक चलाता था. इसके बाद समय बीतता गया और मारपीट की छोटी-छोटी घटनाओं से वह सुर्खियों में आता चला गया. अपनी गुंडागर्दी के चलते उसने वेस्टर्न यूपी के सबसे बड़े दबंग सुशील मूंछ और भूपेंद्र बाफर से कॉन्टैक्ट बना लिए और अपराध जगत में एंट्री की.
आज है प्रदेश का सबसे बड़ा डॉन
इसके बाद बदन सिंह बद्दो के अपराधों का सिलसिला शुरू हो गया. पैसे और जमीन के लिए बद्दो पर कई हत्याओं का आरोप है. शराब की तस्करी करने और भूमाफिया बनने के साथ उसे केबल कारोबार में भी वर्चस्व हासिल करना था. केबल व्यवसायी पवित्र मैत्रेय के मर्डर में भी उसका नाम सामने आया और 2011 में हुई बीएसपी जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर की हत्या के लिए भी बद्दो वॉन्टेड चल रहा है. इसके अलावा, एडवोकेट देवेंद्र गुर्जर की हत्या मामले में उसे अपराधी घोषित कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है.
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सुपारी किंग के नाम से है फेमस
रंगदारी वसूलने के लिए जाना जाने वाले बद्दो ने दो करोड़ रुपए के लिए प्रतिष्ठित व्यवसायी राजेश दीवान को धमकी दी थी. इस मामले में बद्दो के खिलाफ परतापुर और लालकुर्ती थाने में केस दर्ज हैं और चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. इसके अलावा, उस पर संपत्तियों पर कब्जा करने और रंगदारी वसूलने के कई मामलों में मुकदमे दर्ज हैं. इतना ही नहीं, अपराध की दुनिया का कोई कोना ऐसा नहीं है, जिसको बद्दो ने न छुआ हो. वह सुपारी किंग के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि बदन सिंह सुपारी लेकर अब तक कई हत्याएं करा चुका है.
फिल्मी तरीके से हुआ फरार, आज तक नहीं ढूंढ़ पाई पुलिस
मार्च 2019 में एडवोकेट देवेंद्र गुर्जर हत्याकांड में सजा मिलने के बाद बद्दो को फर्रुखाबाद जेल शिफ्ट किया गया था. उस समय गाजियाबाद में उसकी पेशी होनी थी, जिसके लिए फर्रुखाबाद पुलिस उसे लेकर आ रही थी. 28 मार्च 2019 को बद्दो की पेशी हुई और लौटते समय वह सभी पुलिसवालों को लेकर मेरठ के एक होटल में रुका. होटल मुकुट महल में उसने अल्कोहल पार्टी के दौरान पुलिसकर्मियों को बेहोश किया और बड़े आराम से फरार हो गया. उस दौरान फर्रुखाबाद जिले के 6 पुलिसकर्मियों सहित कुल 21 लोगों को बद्दो की फरारी का आरोपी बनाया गया था. इनमें मेरठ के कई बड़े व्यापारी, होटल मुकुट महल के मालिक मुकेश गुप्ता, करण पब्लिक स्कूल के संचालक भानु प्रताप भी शामिल थे. सबको जेल भेज दिया गया था.
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रेड कॉर्नर नोटिस भी है जारी
मौजूदा समय में बद्दो के ऊपर ढाई लाख का इनाम है. साथ ही, उसके बेटे सिकंदर पर भी 25 हजार का इनाम घोषित है. सिकंदर पर बदम सिंह को भगाने का आरोप है. इतना ही नहीं, दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है. साथ ही इंटरपोल से भी मदद मांगी गई ताकि वह विदेश न भाग सके और जल्द उन्हें ढूंढ़ा जा सके.
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