Yamuna Expressway: दुर्घटना के समय अपनी लेन से बाहर नहीं जाएंगे वाहन, लगाए जाएंगे क्रैश बीम
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Yamuna Expressway: दुर्घटना के समय अपनी लेन से बाहर नहीं जाएंगे वाहन, लगाए जाएंगे क्रैश बीम

यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसा होगा तो दुर्घटनाग्रस्त वाहन बेकाबू होकर दूसरी लेन (Another lane) में नहीं जाएंगे. दिल्ली आईआईटी (Delhi IIT) की सिफारिश पर पूरे यमुना एक्सप्रेस-वे के सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बीम (Crash beam) लगाए जाएंगे.

 Yamuna Expressway: दुर्घटना के समय अपनी लेन से बाहर नहीं जाएंगे वाहन, लगाए जाएंगे क्रैश बीम

गौतमबुद्ध नगर: अब अगर यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) पर हादसा होगा तो दुर्घटनाग्रस्त वाहन बेकाबू होकर दूसरी लेन (Another lane) में नहीं जाएंगे. दिल्ली आईआईटी (Delhi IIT) की सिफारिश पर पूरे यमुना एक्सप्रेस-वे के सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बीम (Crash beam) लगाए जाएंगे. यह क्रैश बीम करीब तीन फुट ऊंचे होंगे.

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सुरक्षा उपाय पुख्ता करने का आदेश 

इसके लिए टेंडर निकाल दिए गए हैं. इसमें करीब एक साल का समय लगेगा. करीब 15 दिन पहले प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने जेपी इंफ्राटेक कम्पनी और बैंकों को बुलाकर सुरक्षा उपाय पुख्ता करने का आदेश दिया था.

हादसे रोकने के लिए क्रैश बीम लगाने की तैयारी
यमुना एक्सप्रेस-वे पर अकसर अनियंत्रित होने के बाद वाहन दूसरी लेन पर आ जाते हैं. अचानक दूसरी लेन पर वाहन आने से बड़ा हादसा हो जाता है. कई बार तो वाहन एक्सप्रेस-वे से नीचे भी चले जाते हैं. सेंट्रल वर्ज पर कोई रोकथाम नहीं होने से वाहन दूसरी लेन में आ जाते हैं. यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे रोकने के लिए क्रैश बीम लगाने की तैयारी है.

करीब 76 करोड़ रुपये खर्च होंगे
एक्सप्रेस-वे का संचालन करने वाली कंपनी ने इसे लगाने के लिए टेंडर निकाल दिए गए हैं. इस काम पर करीब 76 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. क्रैश बीम करीब तीन फुट ऊंचे होंगे. इससे हादसा होने के बाद वाहन उछलकर दूसरी तरफ नहीं जा सकेंगे. साथ ही सेंट्रल वर्ज के नीचे बने नालों में वाहन नहीं गिरेंगे. 

यमुना प्राधिकरण ने कराया था सुरक्षा ऑडिट 
यमुना प्राधिकरण ने करीब दो साल पहले दिल्ली आईआईटी से एक्सप्रेस-वे का सुरक्षा ऑडिट करवाया था. आईआईटी की रिपोर्ट में सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बीम लगाने के लिए सुझाव दिया गया था. करीब दो साल पहले दिए गए सुझाव पर अब अमल होने जा रहा है. इसके अलावा दिल्ली आईआईटी ने सात और सुझाव दिए थे. कई सुझावों पर काम भी हुआ है. जागरूकता के लिए होर्डिंग लगाने के लिए कहा था. ये होर्डिंग लगा दिए गए.

यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे और मौतों का ब्यौरा
साल          हादसे        मौतें
2012         275           33      
2013         896         148  
2014         771          98  
2015         919          99    
2016        1219       133  
2017        763         146  
2018        649         111    
2019        560         195  
2020        509         122

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करीब 29 हजार वाहन गुजरते हैं
यमुना एक्सप्रेस-वे से रोजाना करीब 29 हजार वाहन निकलते हैं. एक्सप्रेस-वे पर चालक वाहनों को खूब दौड़ाते हैं. करीब 46 हजार वाहन हर महीने गति सीमा का उल्लंघन करते हैं. स्पीड पर नियंत्रण के लिए सीसीटीवी लगे हुए हैं. उल्लंघन करने वालों का चालान भी किया जाता है.

क्या होता है क्रैश बीम और क्यों लगाना जरूरी?

यमुना एक्सप्रेस-वे की दोनों ओर की सड़कों को अलग-अलग करने वाले स्थान पर कर्व स्टोन लगे हुए हैं. इनकी ऊंचाई बेहद कम है. तेज रफ्तार वाहन अनियंत्रित होकर दूसरी तरफ की सड़क पर चला जाता है और वाहन से टकरा जाता है. क्रैश बीम की खासियत यह होगी कि इनसे टकराते ही गाड़ी खुद दो फीट पीछे चली जाएगी. इसकी ऊंचाई ज्यादा होने के कारण  वाहन दूसरी  लेन में नहीं जा पाएगा. एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर लगे क्रैश बीम बैरियर की ऊंचाई बढ़ाना भी जरूरी है जिससे वाहन एक्सप्रेस-वे से नीचे भी न गरिं. 

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