लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने PM Swanidhi Yojana में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है. स्थानीय निकाय निदेशालय ने इसके आधार पर 18 मिशन प्रबंधकों और 36 सामुदायिक आयोजकों को दोषी पाया है और उनका वेतन रोक लिया गया है. साथ ही 21 मिशन प्रबंधक और 53 सामुदायिक आयोजक निदेशालय की नजर में हैं, जिन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण दिलवाने में लापरवाही बरती गई  है, जिसके खिलाफ अब कार्रवाई शुरू हो गई है.


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कुछ प्रबंधकों और आयोजकों ने नहीं दिखाई रुचि
बता दें, 1 मार्च से 6 मार्च तक विशेष ऋण मेला चलाया गया था. इस ऋण मेला में लखनऊ, बरेली, मऊ, मेरठ, कानपुर नगर, फतेहपुर और जालौन के मिशन प्रबंधकों और आयोजकों ने रुचि नहीं दिखाई थी. इसको लेकर 3 प्रोजेक्ट अफसरों पर आरोप तय किए गए थे और अब सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.


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लक्ष्य के अनुसार नहीं हुआ डेवलपमेंट
गौरतलब है कि कानपुर नगर, गाजियाबाद और फतेहपुर जिले के परियोजना अधिकारियों को आरोप-पत्र थमाया गया है. डूडा आजमगढ़ के परियोजना अधिकारी का वेतन रोका गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में भी जितना टारगेट था, उतना डेवलपमेंट नहीं हुआ है. इस वजह से जनपद डूडा, औरेया, अयोध्या, बलिया, बस्ती, भदोही, एटा, जौनपुर, कानपुर देहात, कौशांबी, महोबा, मऊ, रामपुर, संतकबीर नगर और सोनभद्र के सीएलटीसी इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. यह नोटिस निदेशक, सूडा ने जारी किया है. 


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काम में अक्षम कर्मचारियों की सेवाएं होंगी समाप्त
निदेशक ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की अनियमितता, उदासीनता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस योजना में जो भी अभियंता और कर्मचारी काम नहीं कर पाए हैं, उनकी सेवाएं समाप्त होने वाली हैं. 


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