जमीन के नीचे मौजूद पानी को सहेजने के लिए योगी सरकार करेगी बड़ा काम, अब गाँव-गाँव अटल भूजल योजना का अभियान
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जमीन के नीचे मौजूद पानी को सहेजने के लिए योगी सरकार करेगी बड़ा काम, अब गाँव-गाँव अटल भूजल योजना का अभियान

‘अटल भूजल योजना’ के तहत शुरुआत में बेसलाइन सर्वे करते हुए हर जिले के भूजल स्तर का अध्ययन किया जाएगा. प्रत्येक ब्लॉक में पीजोमीटर का निर्माण होगा. ये पीजोमीटर डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर से लैस होंगे, जिनसे टेलीमेट्री के माध्यम से रीयल टाइम ग्राउंड वाटर लेवल प्राप्त होगा. 

सांकेतिक तस्वीर.

लखनऊ: योगी सरकार भूमिगत जल (Groundwater Reserve) के संरक्षण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘अटल भूजल योजना’ को यूपी में लागू करने जा रही है. वर्तमान में अटल भूजल योजना प्रदेश के 10 जिलों में लागू है. अब बाकी बचे 65 जिलों में भी अटल भूजल योजना लागू होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना को सैद्धांतिक सहमति दे दी है. प्रदेश में इस योजना को चरणबद्ध ढंग से लागू करने की रूपरेखा तैयार की गई है.

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‘अटल भूजल योजना’ के तहत शुरुआत में बेसलाइन सर्वे करते हुए हर जिले के भूजल स्तर का अध्ययन किया जाएगा. प्रत्येक ब्लॉक में पीजोमीटर का निर्माण होगा. ये पीजोमीटर डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर से लैस होंगे, जिनसे टेलीमेट्री के माध्यम से रीयल टाइम ग्राउंड वाटर लेवल प्राप्त होगा. पीजोमीटर के नेटवर्क से बीते 5 वर्षों के भूजल स्तर का आकलन होगा. इससे प्राप्त डाटा को ब्लॉक/ग्राम पंचायत स्तर पर ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा. 

जन सहभागिता से होगा भूजल का प्रबंधन
योजना के तहत पानी की मांग और आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए विकास खंड के भूजल स्तर का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा. लक्ष्य है कि विकास खंड के भूजल स्तर की गिरावट दर में सुधार हो. भूजल अध्ययन के लिए वृहत मॉनिटरिंग नेटवर्क का विकास भी किया जाएगा. इस योजना को सफल बनाने में जन सहभागिता के लिए भूगर्भ जल विभाग की ओर से ब्लॉक/जिला स्तर पर विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ संयुक्त रूप से पद यात्रा, रैलियों का आयोजन होगा.

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विभिन्न योजनाओं से होगी बजट की व्यवस्था
स्कूल-कॉलेजों, पंचायतों, कॉलोनियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में भूजल चेतना जागृत करने के लिए संवाद, लघु गोष्ठियां भी होंगी. स्वयंसेवी संगठनों एवं सामुदायिक सहभागिता के सहयोग से भूजल मंथन, विचार-विमर्श सत्रों एवं विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन होगा. योजना के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जिलास्तरीय तकनीकी समन्वय समिति, राज्यस्तरीय विभागीय स्टीयरिंग कमेटी कार्ययोजना बनाएंगी. योजना के क्रियान्वयन के लिए बजट की व्यवस्था मनरेगा, राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, बुंदेलखंड पैकेज सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं में उपलब्ध धनराशि से ही कुछ -कुछ हिस्सा लेकर की जाएगी.

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