लखनऊ:  घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं की सुविधा और सहूलियत को लेकर यूपी रेरा के चैयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि प्लानिंग एरिया के बाहर और ग्रामीण इलाकों में चल रहे प्रोजेक्ट्स के लिए पंचायती राज विभाग से बातचीत कर रहे है. इसके अलावा हमने जिला परिषदों को भी बताया है कि वह ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए नक्शा पास कर सकते हैं. वहीं, अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कानून को रेगुलेट भी कर सकते हैं. ऐसे में प्लानिंग एरिया के बाहर चल रहे प्रोजेक्ट्स पर नजर रखी जा सकती है. ये बातें उन्होंने Zee UPUK के खास Real Estate Conclave और Business Leadership Summit के दौरान कही. इसके अलावा यूपी रेरा के मेंबर भानू प्रताप भी इस कार्यक्रम मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि हम पारदर्शिता लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 

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24 हजार केस का किया जा चुका है निस्तारण 
यूपी रेरा के चैयरमैन राजीव कुमार ने रेरा के तहत की जाने वाली शिकायतों को लेकर कहा कि उत्तर प्रदेश में विधिवत रेरा का गठन अगस्त  2018 में हुआ. इसके बाद से हमारे पास 31 हजार शिकायत आ चुकी हैं. इनमें से हमने 24 हजार केसों का निस्तारण किया है. वहीं, खास बात है कि पूरे देश में अभी तक 54 हजार शिकायतों का निस्तारण किया गया है, उनमें 24 हजार सिर्फ यूपी रेरा ने किया है. 


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बायर्स को दिला रहे हैं ब्याज
राजीव कुमार ने कहा कि हम इस सेक्टर में पारदर्शिता लाने के लिए काम रहे हैं. इस बात का प्रावधान कानून में किया गया है कि प्रोजेक्ट का पैसा कहीं और न लगे.  70 फीसदी पैसा कंस्ट्रक्शन में ही लगे. इसके अलावा जिन परियोजनाओं में देरी हो रही है, उनमें बायर्स को ब्याज दिलाया जा रहा है. जिन प्रोजेक्ट को चालू करने की उम्मीद नहीं है, वहां मूलधन वापस दिलाने का काम किया जा रहा है. 


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सबके लिए बना रहे हैं समान फील्ड
वहीं, बिल्डर्स और डेवलपर्स के मुद्दे को लेकर रेरा सदस्य भानू प्रताप ने कहा कि अभी तक जो फील्ड में पूरी तरह फ्री होकर खेल रहे थे. अब जब उनसे कहा जा रहा है कि पारदर्शिता लाइएं. उत्तरदायित्व तय किया जा रहा है. एक लवेल प्लेयिंग फील्ड तैयार किया जा रहा है. तब उनको लगता है कि उनकी गति रोकी जा रही है. हालांकि, लॉन्ग टर्म में उनको भी फायदा होगा. 


उन्होंने आगे कहा कि घर खरीदने से पहले बायर्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड हो. वहीं, प्लानिंग एरिया में अब कोई भी बिल्डर 500 स्क्वेयर फीट मीटर या 8 अपॉर्टमेंट से अधिक बिना रजिस्ट्रेशन के नहीं बनाएगा. अगर ऐसा करते हैं, तो हम उसे दंडित कर सकते हैं. इसके अलावा उनसे प्रोजेक्ट त्रिमासिक प्रगति आख्या भी मांगी जाती है. इस दौरान हम प्रोजेक्ट की गुणवत्ता की जांच करते हैं. इसके अलावा घर लेने के पांच वर्ष के बाद भी कोई दिक्कत आती है, तो हम दंडित कर सकते हैं. 


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