Uttarakhand Tunnel: हादसे के बाद सबसे पहले पहुंचा था ये पुलिसकर्मी, टनल को लेकर कही ये बड़ी बात
Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिसमें मलबे के दूसरी ओर 41 मजदूर फंस हुए हैं. इनको बचाने के लिए युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी है.
Uttarakhand Tunnel Collapse Latest News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिसकर्मी ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने निर्माणाधीन सुरंग का निरीक्षण किया था और उस वक्त काम सही तरीके से चल रहा था. उनको मौके पर मौजूद एक इंजीनियर ने फोन कर सुरंग का हिस्सा ढहने की जानकारी दी और वह पुलिस विभाग की ओर प्रतिक्रिया देने वाले पहले व्यक्ति थे. बता दें कि करीब दस दिन पहले टनल का एक हिस्सा धंस जाने से 41 मजदूर अंदर फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है.
सुबह 8 बजे मिली सूचना
उत्तरकाशी जिले के धरासू पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाली जेनवाला पुलिस चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार का कहना है कि जिस वक्त फोन आया, तब सुबह के करीब आठ बज रहे थे और मैं नहा रहा था. मैंने तुरंत एक कनिष्ठ कर्मचारी को अपने साथ लिया और अपनी मोटरसाइकिल से घटनास्थल पर पहुंचा. पौढ़ी गढ़वाल के मूल निवासी सुरेश कुमार पिछले डेढ़ साल से सिलक्यारा सुरंग से लगभग 10 किमी दूर जेनवाला पुलिस चौकी पर तैनात हैं.
पिछले महीने 2 किमी खोदी गई थी सुरंग
कुमार ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने सुरंग का निरीक्षण किया था. तब सुरंग दो किलोमीटर तक खोदी गई थी और काम सुचारू रूप से चल रहा था. मैं ऐसी घटना की कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था. टनल के ढांचे को सहारा देने के लिए एक विभाजनकारी दीवार भी थी. कुमार ने कहा कि घटना सुबह करीब साढ़े पांच बजे हुई थी, लेकिन पुलिस-प्रशासन को इसकी सूचना थोड़ी देर से दी गई.
अंदर जाने का रास्ता हो गया था बंद
कुमार ने कहा कि मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने देखा कि सुरंग के अंदर करीब 200 मीटर तक मलबा पड़ा हुआ है, जिससे अंदर जाने का रास्ता बंद हो गया है. मैंने पुलिस थाने में अपने सीनियर्स को सूचित किया और बाद में एक बचाव दल मौके पर पहुंचा.
ऑगर मशीन ने फिर किया काम शुरू
वहीं, बचाव कार्य में लगे अधिकारियों का कहना है कि 10 दिनों से अधिक समय से सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों के लिए बाहर निकलने का रास्ता तैयार करने के वास्ते अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम रात को फिर से शुरू कर दिया गया है. अब तक मलबे में 32 मीटर की दूरी तक स्टील के पाइप डाले जा चुके हैं.
सभी कर्मचारी ठीक
उन्होंने कहा कि छह इंच चौड़ी पाइपलाइन ने बचावकर्मियों को कई दिनों में फंसे हुए श्रमिकों की पहली तस्वीरें खींचने में मदद की. एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि कर्मचारी ठीक हैं. बता दें कि उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे मलबे के दूसरी ओर मजदूर फंस गए थे.